Ganesh Ji ki Aarti: दीवाली की पूजा में जरूर करें भगवान गणेश की ये आरती, सभी विघ्न होंगे दूर
हर साल कार्तिक महीने में आने वाली अमावस्या तिथि पर दीवाली (Diwali 2024) धूमधाम के साथ मनाई जाती है। यह पर्व मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए बहुत शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि दिवाली की पूजा में गणपति बप्पा की आरती करने से जातक के जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार, देशभर में दीवाली (Diwali 2024 Date) का पर्व 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस त्योहार के आने का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि दीवाली पूजा के दौरान देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की आरती करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी तरह के संकट दूर होते हैं। ऐसे में आइए पढ़ते हैं भगवान गणेश (Ganesh Ji ki Aarti) की ये आरती।
लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त (Lakshmi Puja Shubh Muhurat 2024)
पंचांग के अनुसार, 31 अक्टूबर को (Diwali 2024 Shubh Muhurat) लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त संध्याकाल 05 बजकर 36 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 51 मिनट तक है।
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॥श्री गणेश जी की आरती॥ (Ganesh Ji ki Aarti)
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारीजय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥यह भी पढ़ें: Diwali 2024 Wishes: इन खूबसूरत संदेशों के जरिए अपने प्रियजनों को कहें हैप्पी दीवाली, प्राप्त होगी मां लक्ष्मी की कृपा
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवाधार्मिक मान्यता है कि दीवाली के दिन विधिपूर्वक उपासना करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है और कार्यों में आ रही बाधा से छुटकारा मिलता है। साथ ही शुभ फल की प्राप्ति होती है।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्ं।विघ्नशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम्॥
ॐ ग्लौम गौरी पुत्र,वक्रतुंड,गणपति गुरु गणेशग्लौम गणपति,ऋदि्ध पति। मेरे दूर करो क्लेश।।
एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्ं।विघ्नशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम्॥
गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः । द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः ।द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत् ॥विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित् ।यह भी पढ़ें: Diwali 2024: दीवाली के दिन मां लक्ष्मी की ऐसी तस्वीर की करें पूजा, धन-धान्य से भर जाएगा घर अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
गणेश जी के मंत्र (Ganpat Sthapana Mantra)
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ । निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्ं।विघ्नशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम्॥
ॐ ग्लौम गौरी पुत्र,वक्रतुंड,गणपति गुरु गणेशग्लौम गणपति,ऋदि्ध पति। मेरे दूर करो क्लेश।।
एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्ं।विघ्नशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम्॥
गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः । द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः ।द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत् ॥विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित् ।यह भी पढ़ें: Diwali 2024: दीवाली के दिन मां लक्ष्मी की ऐसी तस्वीर की करें पूजा, धन-धान्य से भर जाएगा घर अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।