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Kajari Teej 2023 Muhurat: कजरी तीज पर इस शुभ मुहूर्त में करें शिव-शक्ति की उपासना

Kajari Teej 2023 हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को कजरी तीज व्रत रखा जाता है। इस विशेष दिन पर स्त्रियां शिव-शक्ति की पूजा की आराधना करती हैं। कजरी तीज को विशेष रूप से मध्य प्रदेश राजस्थान उत्तर प्रदेश में पर्व के रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष कजरी तीज का व्रत 2 सितंबर 2023 के दिन रखा जाएगा।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Thu, 31 Aug 2023 06:08 PM (IST)
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Kajari Teej 2023: कजरी तीज पर इस शुभ मुहूर्त में करें शिव-शक्ति की उपासना।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Kajari Teej 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को कजरी तीज व्रत रखा जाता है। इस विशेष दिन पर महिलाएं अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य और परिवार में सुख-समृद्धि के लिए उपवास रखती हैं। साथ इस विशेष दिन पर शिव-शक्ति की उपासना का विधान है। पंचांग के अनुसार, इस वर्ष कजरी तीज व्रत 2 सितंबर, शनिवार के दिन रखा जाएगा। बता दें कि कजरी तीज के दिन दो अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है, जिसमें पूजा-पाठ को अत्यंत फलदाई माना जाता है।

कजरी तीज 2023 शुभ मुहूर्त (Kajari Teej 2023 Shubh Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि 01 सितंबर रात्रि 11 बजकर 50 मिनट से शुरू हो जाएगी और 02 सितंबर रात्रि 10 बजकर 49 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। ऐसे में कजरी तीज पर्व 02 सितंबर 2023, शनिवार के दिन रखा जाएगा। बता दें कि इस दिन चंद्र देव की पूजा करने का विशेष महत्व है। इस दिन चन्द्रोदय शाम 07 बजकर 44 मिनट पर होगा। साथ ही विशेष दिन पर रेवती नक्षत्र का निर्माण हो रहा है। जो दोपहर 12 बजकर 30 मिनट से प्रारंभ हो जाएगी।

कजरी तीज का महत्व (Kajari Teej Importance)

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कजरी तीज व्रत जिसे बड़ा तीज के नाम से भी जाना है, इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने रखा था। मान्यता है कि कजरी तीज व्रत रखने से पारिवारिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है और जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती है। इसके साथ यदि कुंवारी कन्या द्वारा यह व्रत रखा जाता है तो उन्हें मनवांचित वर का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस विशेष दिन पर चंद्र देव की उपासना करने से और रात्रि के समय चंद्रमा को अर्घ्य प्रदान करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहे।