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Masik Shivratri 2024: मासिक शिवरात्रि पर इस स्तोत्र के पाठ से सभी कष्ट होंगे दूर, महादेव की बरसेगी कृपा

पंचाग के अनुसार कार्तिक माह में मासिक शिवरात्रि का पर्व 30 अक्टूबर (Masik Shivratri 2024 Date) को मनाया जाएगा। इस दिन छोटी दीवाली और हनुमान पूजा भी है। अगर आप मासिक शिवरात्रि के दिन महादेव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो विधिपूर्वक शिव मृत्युञ्जय स्तोत्र का पाठ करें। धार्मिक मान्यता है कि इसका पाठ करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Tue, 29 Oct 2024 04:05 PM (IST)
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Lord shiv: शिव मृत्युञ्जय स्तोत्र के पाठ से संकट होंगे दूर
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। मासिक शिवरात्रि का पर्व भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए उत्तम माना जाता है। हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाता है। साथ ही महादेव के संग मां पार्वती की पूजा-अर्चना करने का विधान है। मान्यता है कि उपासना करने से सभी संकट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।

मासिक शिवरात्रि 2024 डेट और टाइम

पंचाग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 30 अक्टूबर को दोपहर में 01 बजकर 15 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 31 अक्टूबर को दोपहर में 03 बजकर 52 मिनट पर होगा। ऐसे में मासिक शिवरात्रि का पर्व 30 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

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॥ शिव मृत्युञ्जय स्तोत्रम् ॥

रत्नसानुशरासनं रजताद्रिश्रृंगनिकेतनं

शिञ्जिनीकृतपन्नगेश्वरमच्युतानलसायकम्।

क्षिप्रदग्धपुरत्रयं त्रिदशालयैरभिवंदितं

चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यम:॥

पंचपादपपुष्पगन्धिपदाम्बुजद्वयशोभितं

भाललोचनजातपावकदग्धमन्मथविग्रहम्।

भस्मदिग्धकलेवरं भवनाशिनं भवमव्ययं

चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यम:॥

मत्तवारणमुख्यचर्मकृतोत्तरीयमनोहरं

पंकजासनपद्मलोचनपूजितांगघ्रिसरोरुहम्।

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हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर तिथि पर

देवसिद्धतरंगिणी करसिक्तशीतजटाधरं

चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यम:॥

कुण्डलीकृतकुण्डलीश्वरकुण्डलं वृषवाहनं

नारदादिमुनीश्वरस्तुतवैभवं भुवनेश्वरम्।

अंधकान्तकमाश्रितामरपादपं शमनान्तकं

चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यम:॥

यक्षराजसखं भगाक्षिहरं भुजंगविभूषणं

शैलराजसुतापरिष्कृतचारुवामकलेवरम्।

क्ष्वेडनीलगलं परश्वधधारिणं मृगधारिणं

चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यम:॥

भेषजं भवरोगिणामखिलापदामपहारिणं

दक्षयज्ञविनाशिनं त्रिगुणात्मकं त्रिविलोचनम्।

भुक्तिमुक्तिफलप्रदं निखिलाघसंघनिबर्हणं

चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यम:॥

भक्तवत्सलमर्चतां निधिमक्षयं हरिदम्बरं

सर्वभूतपतिं परात्परमप्रमेयमनूपमम्।

भूमिवारिनभोहुताशनसोमपालितस्वाकृतिं

चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यम:॥

विश्वसृष्टिविधायिनं पुनरेव पालनतत्परं

संहरन्तमथ प्रपंचमशेषलोकनिवासिनम्।

क्रीडयन्तमहर्निशं गणनाथयूथसमाव्रतं

चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यम:॥

मासिक शिवरात्रि के दिन महादेव के संग मां पार्वती की भी पूजा जरूर करें। मान्यता हैं कि ऐसा करने से जातक के जीवन में खुशियों का आगमन होता है।

रुद्रं पशुपतिं स्थाणुं नीलकण्ठमुमापतिम्।

नमामि शिरसा देवं किं नो मृत्यु: करिष्यति॥

कालकण्ठं कलामूर्तिं कालाग्निं कालनाशनम्।

नमामि शिरसा देवं किं नो मृत्यु: करिष्यति॥

नीलकण्ठं विरुपाक्षं निर्मलं निरूपद्रवम्।

नमामि शिरसा देवं किं नो मृत्यु: करिष्यति॥

वामदेवं महादेवं लोकनाथं जगद्गुरुम्।

नमामि शिरसा देवं किं नो मृत्यु: करिष्यति॥

धार्मिक मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि के महादेव की पूजा-अर्चना करें साथ ही प्रिये भोग अर्पित करें। माना जाता है कि ऐसा करने से साधक की सभी मुरादें पूरी होती हैं।

देवदेवं जगन्नाथं देवेशमृषभध्वजम्।

नमामि शिरसा देवं किं नो मृत्यु: करिष्यति॥

अनन्तमव्ययं शान्तमक्षमालाधरं हरम्।

नमामि शिरसा देवं किं नो मृत्यु: करिष्यति॥

आनन्दं परमं नित्यं कैवल्यपदकारणम्।

नमामि शिरसा देवं किं नो मृत्यु: करिष्यति॥

स्वर्गापवर्गदातारं सृष्टिस्थित्यन्तकारिणम्।

नमामि शिरसा देवं किं नो मृत्यु: करिष्यति॥

॥ इति श्रीपद्मपुराणान्तर्गत उत्तरखण्डे श्रीमृत्युञ्जयस्तोत्रं सम्पूर्णम्। ॥

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