Aaj Ka Panchang 08 November 2024: छठ पूजा का अंतिम दिन आज, नोट करें सूर्य अर्घ्य का शुभ मुहूर्त, पढ़ें पंचांग
आज कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि दोपहर 12 बजकर 01 मिनट तक रहेगी। इस शुभ तिथि पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दौरान कार्य की शुरुआत करने से सफलता प्राप्त होती है। आइए आज के दिन की शुरुआत करने से पहले पंडित हर्षित जी से आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang 08 November 2024) और राहुकाल का समय जानते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chhath Puja Aaj Ka Panchang 08 November 2024: आज छठ पूजा का अंतिम दिन है। इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। यह पर्व पूर्ण रूप से भगवान सूर्य और छठी माता को समर्पित है। ऐसा कहा जाता कि जो साधक इस दौरान भाव के साथ पूजा-पाठ करते हैं, उन्हें धन, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में शुभता आती है। आज के दिन ( Chhath Puja 2024) की शुरुआत करने से पहले यहां दिए गए शुभ व अशुभ समय को अवश्य जान लें, जो इस प्रकार हैं -
Aaj Ka Panchang 08 November 2024: आज का पंचांग -
पंचांग के अनुसार, आज कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि दोपहर 12 बजकर 01 मिनट तक रहेगी।ऋतु - शरदचन्द्र राशि - मकर
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 32 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 30 मिनट परचंद्रोदय - सुबह 12 बजकर 29 मिनट परचन्द्रास्त - रात 11 बजकर 08 मिनट पर
शुभ मुहूर्त
सर्वार्थ सिद्धि योग - दोपहर 12 बजकर 03 मिनट से अगले दिन 06 बजकर 39 मिनट तकरवि योग - सुबह 06 बजकर 38 मिनट से 12 बजकर 03 मिनट तक ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 53 मिनट से 05 बजकर 46 मिनट तकविजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 53 मिनट से 02 बजकर 37 मिनट तकगोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 31 मिनट से 05 बजकर 57 मिनट तकनिशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक।अशुभ समय
राहु काल - सुबह 10 बजकर 39 मिनट से 11 बजकर 57 मिनट तक गुलिक काल - सुबह 07 बजकर 55 मिनट से 09 बजकर 19 मिनट तक।दिशा शूल - पश्चिमताराबल
भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती।चन्द्रबल
मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, मकर, मीन।सूर्य अर्घ्य मंत्र
- ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।।
- ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात।।
- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
- ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर।।