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Aaj Ka Panchang 21 October 2024: कार्तिक माह के पहले सोमवार पर शिववास योग का हो रहा है निर्माण, पढ़ें पंचांग

सनातन धर्म में कार्तिक माह का विशेष महत्व है। इस महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। कार्तिक माह के पहले सोमवार पर (Aaj ka Panchang 21 October 2024) भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही मनचाहा वर पाने के लिए सोमवार व्रत रखा जाता है। आइए पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं।

By Jagran News Edited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 21 Oct 2024 09:15 AM (IST)
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Aaj Ka Panchang 21 October 2024: पढ़ें पंचांग

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Aaj ka Panchang 21 October 2024: सनातन धर्म में सोमवार का दिन देवों के देव महादेव को समर्पित है। इस दिन भगवान शिव की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। इसके साथ ही सोमवार का व्रत रखा जाता है। भगवान शिव की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक माह के पहले प्रदोष व्रत पर कई मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में शिव-शक्ति की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। आइए, पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं-

सोमवार व्रत शुभ मुहूर्त

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि (अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार) 21 अक्टूबर की रात 02 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी। इसके बाद षष्ठी तिथि की शुरुआत होगी। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जा रही है।

शुभ योग 

ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि वरीयान योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन सुबह 11 बजकर 41 मिनट पर हो रहा है। इसके साथ ही दुर्लभ शिववास योग का संयोग बन रहा है। इन योग में भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होगी।    

करण

आज यानी 21 अक्टूबर को मृगशिरा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही कौलव और तैतिल करण का निर्माण हो रहा है। इन योग में भगवान शिव का अभिषेक करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी।  

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 26 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 45 मिनट पर

चन्द्रोदय- सुबह 08 बजकर 50 मिनट पर

चंद्रास्त- शाम 10 बजकर 42 मिनट पर 

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 44 मिनट से 05 बजकर 35 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 59 मिनट से 02 बजकर 44 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 45 मिनट से 06 बजकर 10 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 40 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

अशुभ समय

राहु काल - सुबह 07 बजकर 51 मिनट से 09 बजकर 16 मिनट तक

गुलिक काल - दोपहर 01 बजकर 30 मिनट से 02 बजकर 55 मिनट तक

दिशा शूल - पूर्व

ताराबल

अश्विनी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुष्य, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद

चन्द्रबल

वृषभ, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु, मीन

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।