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Dhanteras 2024: धनतेरस के दिन इस समय भूलकर न करें खरीदारी, घर में छा जाएगी कंगाली

सनातन धर्म में कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि (Dhanteras 2024) भगवान धन्वन्तरि को समर्पित है। इस दिन भगवान धन्वन्तरि की पूजा की जाती है। भगवान धन्वन्तरि की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही आर्थिक तंगी से निजात मिलती है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की भी उपासना की जाती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 22 Oct 2024 08:33 PM (IST)
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धनतेरस के दिन प्रदोष काल में मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में कार्तिक महीने का विशेष महत्व है। इस माह के कृष्ण पक्ष में करवा चौथ, अहोई अष्टमी, रमा एकादशी, धनतेरस, नरक चतुर्दशी और दिवाली मनाए जाते हैं। वहीं, शुक्ल पक्ष में गोवर्धन पूजा, भाई दूज, छठ पूजा, देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह मनाए जाते हैं। इसके अलावा, मासिक दुर्गाष्टमी, कालाष्टमी और मासिक शिवरात्रि भी मनाई जाती है। इसके अलावा, मासिक दुर्गाष्टमी, कालाष्टमी और मासिक शिवरात्रि भी मनाई जाती है। इनमें धनतेरस कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर भगवान धन्वन्तरि की पूजा की जाती है। धनतेरस के दिन सोना या चांदी से निर्मित आभूषणों की खरीदारी की जाती है। इसके अलावा, तांबे और कांसे के बर्तन भी खरीदे जाते हैं। अगर आप भी धनतेरस (Dhanteras 2024) के दिन खरीदारी करने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो खरीदारी का शुभ मुहूर्त अवश्य नोट कर लें। अगर अशुभ समय या राहुकाल में खरीदारी करते हैं, तो इससे विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। आइए, खरीदारी का शुभ और अशुभ मुहूर्त जान लेते हैं-  

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Dhanteras 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2024 Date and Auspicious Time)

वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 31 मिनट से शुरू होगी और 30 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 15 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन प्रदोष काल संध्याकाल 05 बजकर 38 मिनट से लेकर 08 बजकर 13 मिनट तक है। इस दौरान धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान धन्वन्तरि की पूजा कर सकते हैं। धनतेरस के दिन वृषभ काल शाम 06 बजकर 31 मिनट से 08 बजकर 27 मिनट तक है। इस समय में मां लक्ष्मी और भगवान धन्वन्तरि की पूजा करने से जातक के जीवन में धन की कमी नहीं होती है।

कब न करें खरीदारी

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी धनतेरस के दिन राहु काल दोपहर 02 दोपहर 51 मिनट से लेकर 04 बजकर 15 मिनट तक है। इस समय में भूलकर खरीदारी न करें। राहुकाल में खरीदारी करने से शुभ फल नहीं प्राप्त होता है। इसके साथ ही प्रतिकूल प्रभाव भी व्यक्ति पर पड़ता है। वहीं, गुलिक काल दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से 01 बजकर 28 मिनट तक है। धनतेरस के दिन भूलकर गुलिक और राहुकाल के दौरान खरीदारी न करें। अगर अनदेखी करते हैं, तो बुरा परिणाम जीवन पर पड़ सकता है।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 31 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 38 मिनट पर

चंद्रोदय- सुबह 04 बजकर 27 मिनट पर

चंद्रास्त- दोपहर 03 बजकर 57 मिनट तक

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 48 मिनट से 05 बजकर 40 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 56 मिनट से 02 बजकर 40 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 38 मिनट से 06 बजकर 04 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।