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Guru Nanak Jayanti 2024: कब है गुरु नानक जयंती? जानिए इस पर्व का इतिहास और महत्व

सिख समुदाय के लिए गुरु नानक जयंती एक महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। सिख धर्म के लोग गुरु नानक जयंती को गुरु नानक देव जी के जन्मदिवस के रूप में बेहद उत्साह के साथ मनाते हैं। गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti 2024) का पर्व कार्तिक माह में मनाया जाता है। इसे गुरु पर्व या प्रकाश पर्व भी कहा जाता है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Fri, 08 Nov 2024 11:50 AM (IST)
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Guru Nanak Jayanti 2024: गुरु नानक जयंती का धार्मिक महत्व
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सिख धर्म के लोग कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima 2024) के पर्व का आने का बेसब्री से इंतजार करते हैं, क्योंकि इस तिथि पर गुरु नानक जयंती का पर्व मनाया जाता है, जिसे गुरु पूरब या प्रकाश पर्व के नाम से भी जाना जाता है। इस खास अवसर पर गुरुद्वारों को सुंदर तरीके से सजाया जाता है और बेहद खास रौनक देखने को मिलती है। इसके अलावा गुरुद्वारों में भजन और कीर्तन का आयोजन किया जाता है। साथ ही गुरु नानक देव जी के संदेशों को याद किया जाता है। ऐसे में आइए इस लेख में हम आपको बताएंगे कि गुरु नानक जयंती की डेट (Guru Nanak Jayanti  2024 Date), इतिहास और धार्मिक महत्व के बारे में।  

Pic Credit - Freepik

कार्तिक पूर्णिमा 2024 डेट और टाइम (Kartik Purnima 2024Date and Time)

पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 15 नवंबर को सुबह 06 बजकर 19 मिनट पर होगा और इस तिथि का समापन 16 नवंबर को देर रात्रि को 02 बजकर 58 मिनट पर होगा। ऐसे में कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु नानक जयंती (Kab Hai Guru Nanak Jayanti 2024) मनाई जाएगी।  

गुरु नानक जयंती का इतिहास (Guru Nanak Jayanti 2024 History)

सिख धर्म के प्रथम धार्मिक गुरु श्री नानक देव जी थे। उनका जन्म 15 अप्रैल 1469 को तलवंडी ननकाना साहिब में हुआ था। इसलिए उन्हें नानक नाम से संबोधित किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि सिख धर्म की स्थापना गुरु नानक देव जी ने की थी। इसलिए उन्हें सिख धर्म का संस्थापक कहा जाता है।

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गुरु नानक जयंती का महत्व (Guru Nanak Jayanti 2024 Significance)

श्री गुरु नानक देव जी ने सदैव मानवता, समृद्धि और सामाजिक न्याय की निस्वार्थ सेवा का प्रचार किया। उन्होंने अपने जीवन में यात्राओं के दौरान कई जगह पर डेरा जमाया। इस दौरान वह सभी को भक्ति के प्रति उपदेश देते थे और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जागरूक किया करते थे। साथ ही उन्होंने सामाजिक कुरीतियों का विरोध किया। गुरु नानक देव जी का जन्म ऐसे समय हुआ था, जब कई धर्म के तत्व को समझना कठिन हो गया था। उनके द्वारा दिए गए विचार इतने शक्तिशाली थे कि आज के समय में भी उनकी प्रासंगिकता बनी हुई है। गुरु नानक देव की जयंती पर लंगर और कीर्तन का विशेष आयोजन किया जाता है। इस दिन सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब को पालकी में ले जाया जाता है। साथ ही जरूरतमंदों को भोजन खिलाया जाता है।  

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।