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Margashirsha Kalashtami 2024: इस विधि से करें मार्गशीर्ष मासिक कालाष्टमी की पूजा, सभी बाधाएं होंगी समाप्त, यहां पढ़ें शुभ मुहूर्त

मार्गशीर्ष मासिक कालाष्टमी का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। इस तिथि (Margashirsha Kalashtami 2024) पर लोग भैरव बाबा की पूजा करते हैं। ऐसा कहा जाता है जो साधक भैरव बाबा की आराधना करते हैं वे उनकी सभी तरह की समस्याओं से रक्षा करते हैं। साथ ही सभी इच्छाएं पूरी करते हैं। यह पर्व हर माह मनाया जाता है तो आइए इसकी सही डेट जानते हैं।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Tue, 19 Nov 2024 11:03 AM (IST)
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Margashirsha Kalashtami 2024: मासिक कालाष्टमी की पूजा विधि।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Margashirsha Kalashtami 2024: हिंदू धर्म में मासिक कालाष्टमी का दिन बहुत ही विशेष माना जाता है। इस पावन दिन पर लोग भगवान शिव के सबसे उग्र स्वरूप भैरव बाबा की पूजा करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त इस दिन भक्तिभाव के साथ उपवास रखते हैं और पूजा-पाठ करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष महीने में मासिक कालाष्टमी में 22 नवंबर, 2024 दिन शनिवार को मनाई जाएगी,

जो भक्त भगवान भैरव बाबा का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, उन्हें इस दिन (Kalashtami 2024) उनकी खास पूजा करनी चाहिए, तो आइए यहां पर सही पूजन नियम और मंत्र जानते हैं।

मार्गशीर्ष मासिक कालाष्टमी शुभ मुहूर्त (Margashirsha Kalashtami Shubh Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 22 नवंबर को शाम 06 बजकर 07 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 23 नवंबर को शाम 07 बजकर 56 मिनट पर होगा। इस दिन रात्रि में काल भैरव जी की पूजा का विधान है। ऐसे में 22 नवंबर को मार्गशीर्ष माह की कालाष्टमी मनाई जाएगी। इसके अलावा इस दिन निशिता मुहूर्त रात्रि 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा।

मार्गशीर्ष मासिक कालाष्टमी पूजन विधि (Margashirsha Kalashtami 2024 Puja Vidhi)

सुबह उठकर स्नान करें। इसके बाद साफ कपड़े पहनें। अपने मंदिर की साफ-सफाई करें। एक वेदी पर भैरव बाबा की प्रतिमा स्थापित करें। फिर पंचामृत और गंगाजल से उनका अभिषेक करें। इसके बाद उनकी प्रतिमा साफ वस्त्र से पोंछे। उन्हें इत्र लगाएं और सफेद फूलों की माला अर्पित करें। चंदन का तिलक लगाएं। फल, मिठाई और घर पर बने मिष्ठान का भोग लगाएं। भगवान के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं और काल भैरव अष्टक का पाठ भक्तिपूर्वक करें। आरती से अपनी पूजा को पूरी करें।

अंत में पूजा में हुई गलतियों के लिए माफी मांगे। व्रती अगले दिन प्रसाद से अपना व्रत खोलें। गरीबों को भोजन खिलाएं और क्षमता अनुसार दान करें।

मार्गशीर्ष मासिक कालाष्टमी का पूजन मंत्र (Margashirsha Kalashtami 2024 Kaal Bhairav Mantra)

  • ॐ काल भैरवाय नमः
  • ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नमः
  • ॐ ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं
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अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।