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Sawan Pradosh Vrat 2024: सावन के पहले प्रदोष व्रत पर इन गलतियों से रहें दूर, मिल सकते हैं बुरे परिणाम

हर माह में आने वाली त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। कई साधक इस विशेष दिन पर भगवान शिव के निमित्त व्रत आदि भी करते हैं जिससे उन्हें भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। तो चलिए जानते हैं कि सावन के पहले प्रदोष व्रत पर किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि आपको व्रत का शुभ फल प्राप्त हो सके।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 01 Aug 2024 11:02 AM (IST)
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Sawan Pradosh Vrat 2024 सावन के पहले प्रदोष व्रत पर न करें ये गलतियां।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में सावन एक बहुत ही पवित्र महीना माना गया है। ऐसे में आने वाले सभी व्रत-त्योहारों का महत्व और भी बढ़ जाता है। प्रदोष व्रत पर महादेव के निमित्त व्रत करने से वह प्रसन्न होते हैं। लेकिन आपको इस व्रत के लाभ तभी मिल सकते हैं, जब आप इससे जुड़े कुछ जरूरी नियमों का भी ध्यान रखें। चलिए जानते हैं कि जानते हैं प्रदोष व्रत के नियम।

गुरु प्रदोष व्रत (Sawan Guru Pradosh Vrat 2024)

सावन माह की कृष्ण की त्रयोदशी तिथि 01 अगस्त 2024 को दोपहर 03 बजकर 28 मिनट पर शुरू हो रही है। यह तिथि 02 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 26 मिनट तक रहने वाली है। प्रदोष व्रत की पूजा शाम के समय की जाती है। ऐसे में सावन माह का पहला प्रदोष व्रत 01 अगस्त, गुरुवार के दिन किया जाएगा। गुरुवार के दिन पड़ने के कारण इसे गुरु प्रदोष व्रत भी कहा जाएगा। इस दिन शिव जी की पूजा का मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहेगा -

प्रदोष व्रत पूजा का मुहूर्त - शाम 07 बजकर 12 मिनट से 09 बजकर 18 मिनट तक

इन नियमों का रखें ध्यान

गुरु प्रदोष व्रत के दिन साफ-सफाई और पवित्रता जरूरी रूप से ध्यान रखना चाहिए। इस दिन तामसिक भोजन जैसे प्याज, लहसुन आदि का भूलकर भी सेवन न करें। साथ ही इस तिथि पर मांस व मदिरा का सेवन करना भी वर्जित है। अपने मन में नकारात्मक विचार उत्पन्न न होने दें और अपना ध्यान शिव जी की भक्ति में लगाएं। मान्यताओं के अनुसार, गुरु प्रदोष व्रत के दिन नाखून, बाल या दाढ़ी बनवाना भी वर्जित माना गया है।

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न करें ये काम

प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर सिंदूर, हल्दी, तुलसी, केतकी के फूल और नारियल आदि अर्पित नहीं करने चाहिए। इससे महादेव नाराज हो सकते हैं। साथ ही इस दिन भूलकर भी काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए। इससे नकारात्मकता उत्पन्न हो सकती है। साथ ही इस दिन पर ब्रह्मचर्य का पालन भी अवश्य करें।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।