Move to Jagran APP

Sawan Pradosh Vrat 2024: सावन में कब-कब रहेगा प्रदोष व्रत? जानें पूजा मुहूर्त और शुभ योग

हिंदू पंचांग के अनुसार प्रदोष व्रत को महादेव की कृपा प्राप्ति के लिए एक उत्तम तिथि माना गया है। वहीं सावन में पड़ने वाले प्रदोष व्रत को और भी खास माना जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि सावन में कब-कब प्रदोष व्रत रखा जाएगा और इस दौरान कौन-से शुभ योग बन रहे हैं। जिसमें आप भगवान शिव की पूजा करके दोगुना फल प्राप्त कर सकते हैं।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Wed, 24 Jul 2024 01:45 PM (IST)
Hero Image
Pradosh Vrat Lord Shiva सावन में कब-कब रहेगा प्रदोष व्रत?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सावन का महीना भगवान शिव को अति प्रिय है। साथ ही हर माह की शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत किया जाता है। ऐसे में सावन प्रदोष व्रत पर शिव जी की आराधना करने से व्यक्ति को महत्वपूर्ण कार्यों में सफलता मिल सकती है।

पहला प्रदोष व्रत (Sawan First Pradosh Vrat 2024)

सावन माह की कृष्ण की त्रयोदशी तिथि 01 अगस्त 2024 को दोपहर 03 बजकर 28 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं, इस तिथि का समापन 02 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 26 मिनट पर होगा। ऐसे में सावन माह का पहला प्रदोष व्रत 01 अगस्त, गुरुवार के दिन किया जाएगा। गुरुवार के दिन पड़ने के कारण इसे गुरु प्रदोष व्रत भी कहा जाएगा।

प्रदोष व्रत पूजा का मुहूर्त - शाम 07 बजकर 12 मिनट से 09 बजकर 18 मिनट तक

प्रदोष व्रत शुभ योग (Sawan Pradosh Vrat Shubh Yog)

नक्षत्र - सावन के पहले प्रदोष व्रत पर सुबह 10 बजकर 24 मिनट तक मृगशिरा नक्षत्र रहने वाला है, जिसे बहुत ही शुभ माना जाता है। साथ ही इस दिन आर्द्रा नक्षत्र का भी निर्माण हो रहा है।

हर्षण योग - प्रदोष व्रत पर हर्षण योग 02 अगस्त सुबह 11 बजकर 45 मिनट तक रहने वाला है। इस योग को कई शुभ कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है।

शिव वास योग - सावन के पहले प्रदोष व्रत पर दोपहर 03 बजकर 28 मिनट तक शिव वास योग रहने वाला है। यह वह समय माना जाता है जब भगवान शिव नंदी पर सवार होते हैं। इसलिए इसे रुद्राभिषेक करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

अभिजित मुहूर्त - दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 54 मिनट तक

यह भी पढ़ें - Kanwar Yatra 2024: कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़िए क्यों बोलते हैं 'बोल बम बम भोले' जानें वजह

दूसरे प्रदोष व्रत  (Sawan Second Pradosh Vrat 2024)

सावन माह की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 17 अगस्त को सुबह 08 बजकर 05 मिनट पर प्रारम्भ हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 18 अगस्त को प्रातः 05 बजकर 51 मिनट पर होने जा रहा है। ऐसे में सावन माह का दूसरा प्रदोष व्रत 17 अगस्त, शनिवार के दिन किया जाएगा। यह व्रत शनिवार के दिन रखा जाएगी, इसलिए इसे शनि प्रदोष व्रत भी कह सकते हैं। इस दिन

सावन के दूसरे प्रदोष व्रत की पूजा का मुहूर्त - शाम 06 बजकर 58 मिनट से 09 बजकर 09 मिनट तक

प्रदोष व्रत शुभ योग (Pradosh Vrat 2024 Shubh Yog)

योग - सावन के दूसरे प्रदोष व्रत पर प्रीति योग सुबह 10 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। वहीं आयुष्मान योग 18 अगस्त सुबह 07 बजकर 51 मिनट तक रहने वाला है।

शिव वास योग - शिव वास योग के दौरान जब भगवान शिव कैलाश पर होते हैं, तो रुद्राभिषेक करना शुभ माना जाता है। वहीं जब भगवान शिव नंदी पर होते हैं तो इस समय में रुद्राभिषेक करने से कार्य में सफलता प्राप्त होती है। ऐसे में सावन के दूसरे प्रदोष व्रत पर भगवान शिव कैलाश पर सुबह 08 बजकर 05 मिनट तक रहने वाले हैं, वहीं नन्दी पर 18 अगस्त प्रातः 05 बजकर 51 तक रहेंगे।

अभिजित मुहूर्त - दोपहर 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 51 मिनट तक

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।