Somvati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या पर जरूर करें इन पूजन नियमों का पालन, खुलेगा किस्मत का ताला
अमावस्या तिथि प्रतिमाह आती है। यह तिथि पितरों के तर्पण के लिए बहुत ही विशेष मानी जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल भाद्रपद अमावस्या 2 सितंबर यानी आज मनाई जा रही है। इस दिन दान-पुण्य और धार्मिक कार्य करने से जीवन में शुभता आती है। इसके साथ ही घर में सुख-शांति का वास रहता है तो चलिए इस दिन से जुड़ी कुछ बातों को जानते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में अमावस्या को सबसे शक्तिशाली दिनों में से एक माना जाता है, क्योंकि यह दिन पूर्वजों को समर्पित है। सोमवार को पड़ने की वजह से इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। इस बार अमावस्या 2 सितंबर, 2024 को यानी आज के दिन मनाई जा रही है। इस बार की अमावस्या को बेहद खास माना जा रहा है। ऐसे में इस दिन ज्यादा से ज्यादा धार्मिक कार्य करें। वहीं, इस दिन को लेकर कुछ पूजन नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना बहुत जरूरी है, तो आइए जानते हैं।
सोमवती अमावस्या शुभ योग
हिंदू पंचांग के अनुसार, सोमवती अमावस्या यानी आज शिव योग संध्याकाल 06 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। वहीं, सिद्धि योग का निर्माण संध्याकाल 06 बजकर 21 मिनट पर हो रहा है और इसका समापन 03 सितंबर को संध्याकाल 07 बजकर 05 मिनट पर होगा। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान पूजा-अर्चना व शुभ कार्य करने से उनमें सफलता प्राप्त होती है।सोमवती अमावस्या पूजा नियम
- सुबह जल्दी उठें और पूजा अनुष्ठान शुरू करने से पहले स्नान करें।
- पूजा घर में पितरों के नाम का भी देसी घी का दीपक जलाएं।
- सात्विक भोजन तैयार करें और घर पर ब्राह्मणों को भोजन खिलाएं और दान करें।
- पितरों का तर्पण करें।
- गाय, कुत्ते, कौवे और चींटियों आदि को खाना खिलाएं।
- यह दिन आध्यात्मिक उन्नति के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है, ऐसे में ज्यादा से ज्यादा धर्म-कर्म करें।
- इस मौके पर पितृ पूजा के साथ-साथ भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा भी जरूर करनी चाहिए और उन्हें समर्पित विभिन्न वैदिक मंत्रों का जाप करना चाहिए।
- जरूरतमंदों को कुछ पैसे, कपड़े और भोजन का दान करें।
- अमावस्या पितरों का पिंडदान करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन है, इससे उनकी आत्मा तृप्त होती है।
- इस दिन तामसिक चीजों से दूर रहें।
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