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    Vrishchik Sankranti 2025: वृश्चिक संक्रांति की रात करें ये उपाय, सुख-समृद्धि में होगी वृद्धि

    Updated: Fri, 14 Nov 2025 09:22 AM (IST)

    वृश्चिक संक्रांति (Vrishchik Sankranti 2025) का हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा महत्व है, जो भगवान सूर्य की पूजा के लिए समर्पित है। ज्योतिष में सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है, जो जीवन में ऊर्जा और सकारात्मक बदलाव लाता है। 16 नवंबर, 2025 को मनाई जाने वाली इस संक्रांति की रात के लिए कुछ विशेष उपाय बताए गए हैं, आइए जानते हैं। 

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    Vrishchik Sankranti 2025: संक्रांति की रात करें ये उपाय।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वृश्चिक संक्रांति का हिंदू धर्म बहुत ज्यादा महत्व है। यह भगवान सूर्य की पूजा के लिए समर्पित है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को ग्रहों का राजा और आत्मा का कारक माना गया है। ऐसे में यह गोचर जीवन में ऊर्जा, मान-सम्मान और सकारात्मक बदलाव लाता है। इस साल 2025 वृश्चिक संक्रांति (Vrishchik Sankranti 2025) 16 नवंबर, रविवार को मनाई जाएगी। ऐसा कहा जा रहा है कि संक्रांति की रात को किए गए विशेष उपाय अधिक फलदायी होते हैं, खासकर सुख-समृद्धि और आर्थिक उन्नति के लिए, तो आइए जानते हैं।

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    वृश्चिक संक्रांति की रात करें ये उपाय (Vrishchik Sankranti 2025 Night Remedies)

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    सूर्य और पितरों के लिए दीपदान

    संक्रांति की रात को सूर्यास्त के बाद अपने घर के पूजा स्थान पर या तुलसी के पौधे के पास तिल के तेल का एक दीपक जलाएं। इसी के साथ, एक दीपक पीपल के पेड़ के नीचे भी जलाएं। इस उपाय को करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। साथ ही उनकी कृपा से घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। वहीं, दीपक जलाते समय "ॐ घृणि सूर्याय नमः" या "ॐ आदित्याय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।

    धन वृद्धि के लिए

    रात में स्नान आदि के बाद लाल वस्त्र धारण करें। अपने घर के मंदिर में मां लक्ष्मी की प्रतिमा के सामने बैठकर श्री सूक्त का पाठ करें। एक तांबे के लोटे में गंगाजल या शुद्ध जल भरकर रखें और अगले दिन इस जल को पूरे घर में छिड़क दें। तांबा सूर्य का धातु है और यह उपाय धन-धान्य में वृद्धि करता है।

    कंबल और अन्न का दान

    वृश्चिक संक्रांति के अगले दिन या उसी रात गर्म कपड़े, कंबल और अन्न का दान करें। ऐसा माना जाता है कि कंबल का दान शनि और राहु के अशुभ प्रभाव को कम करता है। साथ ही इससे घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती। दान हमेशा जरूरतमंद व्यक्ति को ही दें।

    पीपल वृक्ष की परिक्रमा

    संक्रांति की शाम पीपल के वृक्ष के पास जाकर जल अर्पित करें और 7 परिक्रमा करें। परिक्रमा के बाद अपनी मनोकामना कहें। माना जाता है कि पीपल में सभी देवी-देवताओं का वास होता है, जिससे सभी संकट दूर होते हैं और समृद्धि आती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।