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Samudra Manthan: कैसे हुई ऐरावत हाथी की उत्पत्ति? स्वर्ग नरेश इंद्र से जुड़ा है कनेक्शन

श्रीमद्भागवतमहापुराण में वर्णित समुद्र-मंथन की कथा मनुष्य के सामाजिक और आध्यात्मिक जीवन का पथ प्रशस्त करती है। मानव जीवन का साफल्य किसमें है इसका बोध कराती है। भोग और ऐश्वर्य की कामना वाला व्यक्ति भगवद्भक्तिरूपी अमृत का रसास्वदन ही नहीं कर सकता है क्योंकि भोग और ऐश्वर्य की कामना राजसी बुद्धि है। जहां भगवद्भक्ति का प्राधान्य होगा वहां राजसी और तामसी प्रकृति अपना प्रभाव नहीं डाल सकती है।

By Jagran News Edited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 09 Sep 2024 01:45 PM (IST)
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Samudra Manthan: भोग और ऐश्वर्य की कामना राजसी बुद्धि है