Samudra Manthan: कब और कैसे हुई स्वर्ग की अप्सरा रंभा की उत्पत्ति?
अप्सराएं भोगवादी प्रकृति हैं इन्हें वही अनुकूल और प्रिय लगता है जो राजसी सुख और वर्चस्व को अंगीकार करता हो। यह तथ्य भी तर्क की कसौटी पर खरा है- जब तक इंद्रिय सुख भोगादि के प्रति आसक्ति होती है तबतक शाश्वत-शांति सुधारस का पान कर पाना संभव नहीं है। देवत्व दान-पुण्य आदि का फल है। यह सिद्धांत है- हम जिससे सुख चाहेंगे उसका दास बनना ही पड़ेगा।