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Vastu Tips for Parrot: घर में तोता पालना शुभ या अशुभ, वास्तु से जानिए सही नियम

लोग अपने घरों में तरह-तरह के जानवर पालना पसंद करते हैं। कोई बिल्ली पालता है तो किसी को कुत्ता पालना पसंद होता है। इसी तरह कई लोग घर में तोता भी पलते हैं। माना जाता है कि घर में जानवर पालने से एक सकारात्मकता बनी रहती है। तो वहीं कई लोग अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए भी जानवर पालते हैं।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Tue, 04 Jun 2024 10:50 AM (IST)
Parrot Vastu Tips घर में तोता पालना शुभ या अशुभ? (Picture Credit: Freepik)

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वास्तु शास्त्र में कई पशु-पक्षियों को शुभ या अशुभ संकेतों से जोड़कर देखा जाता है। इसमें से एक है तोता। कई लोग घर में तोता पालना पसंद करते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि वास्तु के अनुसार, घर में तोता पालना शुभ है या अशुभ। यदि आप तोता पाल रहे हैं, तो उसके लिए किन नियमों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि घर में खुशहाली बनी रहे।

तोता पालना शुभ या अशुभ

वास्तु अनुसार के अनुसार, घर में तोता पालना बहुत ही शुभ माना गया है, क्योंकि तोता पालने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है, जिससे घर-परिवार में खुशहाली भी बनी रहती है। लेकिन तोते को पालते समय कुछ वास्तु नियमों का भी ध्यान रखना चाहिए।

तोते को रखने की सही दिशा

यदि आपके घर में भी तोता है, तो वस्तु के अनुसार, घर की उत्तर या फिर पूर्व दिशा की ओर रखना चाहिए। क्योंकि उत्तर दिशा को बुध ग्रह की दिशा माना जाता है, जो बुद्धि और ज्ञान का प्रतीक है। ऐसे में यदि आप उत्तर दिशा में तोते को रखते हैं, तो इससे बच्चों को पढ़ाई में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते है। वहीं पूर्व दिशा को सूर्य देव की दिशा माना गया है और इस दिशा से घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

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रखे इन बातों का ध्यान

अगर आप तोते को पिंजरे में रखते हैं, तो इस बात का ध्यान रहे की तोता खुश रहना चाहिए। क्योंकि कई मान्यताओं के अनुसार, तोता पिंजरे में खुश नहीं रहता और ऐसा होने पर घर  में नकारात्मकता का वास होने लगता है।  

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।