Starlink की भारत में हो रही है खूब चर्चा, यहां जानें ये क्या है और कैसे काम करता है?
स्टारलिंक की चर्चा भारत में आज की तारीख खूब जोर-शोर से हो रही है। वजह है सैटेलाइट इंटरनेट। इस कंपनी के मालिक एलन मस्क हैं। काफी समय से चर्चा में रहने के बाद भी काफी सारे लोगों को स्टारलिंक के बारे में ज्यादा जानकारी अभी भी नहीं है। ऐसे में हम यहां आपको इस सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी के बारे में यहां सभी बड़ी बातें बताने जा रहे हैं।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय बाजार में इस समय स्टारलिंक की खूब चर्चा हो रही है। ये एक सैटेलाइट सर्विस प्रोवाइडिंग कंपनी है। इसके मालिक एलन मस्क हैं। हालांकि, अभी भी काफी सारे ऐसे लोग हैं जिन्हें सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के बारे में कम ही जानकारी है। काफी लोगों को नहीं पता कि ये कैसे काम करती है। ऐसे में हम यहां आपको बताने जा रहे हैं कि ये ब्रांड कैसा है और कैसे काम करता है।
स्टारलिंक क्या है और कैसे काम करता है? स्टारलिंक लोवर-अर्थ ऑर्बिट में हजारों छोटे सैटेलाइट्स के ग्रुप के जरिए इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड करता है। ट्रेडिशनल ब्रॉडबैंड सेवाओं के विपरीत, स्टारलिंक केबल या कुछ बड़े सैटेलाइट्स पर निर्भर नहीं रहता। इसके बजाय, ये सैटेलाइट्स के बीच कम्युनिकेशन के लिए लेजर का इस्तेमाल करता है, जिससे ग्राउंड स्टेशनों पर निर्भरता कम होती है और लो लेटेंसी और हाई स्पीड सुनिश्चित होती है।
स्पेसएक्स कथित तौर पर बढ़ती मांग को पूरा करने, कनेक्टिविटी और स्पीड को बढ़ाने के लिए अपने सैटेलाइट नेटवर्क को 42,000 यूनिट्स तक एक्सपांड करने की तैयारी कर रहा है।स्टारलिंक सर्विसेज के साथ कैसे शुरुआत करें?
गाइडेंस के लिए स्टारलिंक ऐप का इस्तेमाल करें या सर्विस इंस्टॉल करने के लिए किसी प्रोफेशनल को हायर करें। लेकिन, उससे पहले आपको ये चेक करना होगा कि ये सर्विस आपके एरिया में है या नहीं।
दूसरे प्रोवाइडर्स की तुलना में स्टारलिंक क्यों चुनें?स्टारलिंक दूरदराज के इलाकों में सेवा देने की अपनी क्षमता के कारण सबसे अलग है। खासतौर पर जहां ट्रेडिशनल इंटरनेट उपलब्ध नहीं है या धीमा है। हालांकि, ये फाइबर-ऑप्टिक स्पीड की बराबरी नहीं कर सकता है। लेकिन स्टारलिंक सैटेलाइट कवरेज और लोकेशन के आधार पर कुछ क्षेत्रों में 150 Mbps से 264Mbps तक की इंटरनेट स्पीड ऑफर करता है।
ये सर्विस खास तौर पर उन ग्राहकों के लिए आकर्षक है जो कम सर्विस वाले एरिया (गांव, रिमोट लोकेशन, जंगल, कम आबादी वाले रेगिस्तानी क्षेत्र) में रहते हैं। उम्मीद है कि ये रिमोट वर्कर्स, ट्रैवलर्स और ट्रैकिंग करने वाले के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा।सब्सक्रिप्शन बेनिफिट्स और उपलब्धता
- स्टारलिंक बिना किसी लॉन्ग-टर्म कॉन्ट्रैक्ट के अनमैच्ड फ्लेक्सिबिलिटी ऑफर करने का दावा करता है।
- जो लोग सर्विस को सब्सक्राइब करते हैं, वे जरूरत के मुताबिक प्लान्स को पॉज कर सकते हैं, फिर से शुरू कर सकते हैं या उनके बीच स्विच कर सकते हैं।
- इसके अलावा 30-दिन का फ्री ट्रायल और फुल रिफंड पॉलिसी रिस्क-फ्री एक्सपीरिएंस सुनिश्चित करती है।
- फिलहाल स्टारलिंक उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप के कुछ हिस्सों में चालू है।
- भारत में, रेगुलेटरी अप्रूवल्स पेंडिंग हैं। लेकिन सैटेलाइट कम्युनिकेशन स्पेक्ट्रम आवंटित करने के लिए चर्चा चल रही है।