Elon Musk के स्टारलिंक से क्यों परेशान हैं मुकेश अंबानी, अब सरकार से कर डाली ये मांग
रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस जियो ने ट्राई और केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक पत्र लिखा है। जिसमें जियो ने सरकार से सैटेलाइट ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम के आवंटन मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। निजी टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि विदेशी कंपनियों के भारत आने से उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है। बता दें स्टारलिंक भारत में अपनी सर्विस लॉन्च करने की तैयारी में है।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। Elon Musk की स्टारलिंक और मुकेश अंबानी की जियो के बीच तकरार जारी है। स्टारलिंक भारत में सैटेलाइट इंटरनेट देने के मकसद से अपनी सर्विस लॉन्च करने की प्लानिंग कर रही है, लेकिन इसके विरोध में भारतीय टेलीकॉम कंपनियां आकर खड़ी हो गई हैं। खासकर जियो की तरफ से इसका खुले तौर पर विरोध किया जा रहा है।
जियो ने टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई से स्टारलिंक और कुइपर को सैटेलाइट ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम आवंटित करने से पहले इनकी समीक्षा करने का आग्रह किया किया है। ऐसे में सवाल है कि मुकेश अंबानी स्टारलिंक और कुइपर के भारत आने से क्यों परेशान हैं।
मुकेश अंबानी ने ट्राई को लिखा पत्र
रॉयटर्स के अनुसार, मुकेश अंबानी ने ट्राई और केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। रिलायंस का मानना है कि विदेशी कंपनियों के भारत आने से घरेलू टेलीकॉम कंपनियों के नुकसान उठाना पड़ सकता है।रिपोर्ट्स के अनुसार, मुकेश अंबानी ने सैटेलाइट ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम के आवंटन पर आपत्ति जताई है। उनका और एयरटेल के सुनील मित्तल का मानना है कि स्पेक्ट्रम का आवंटन नीलामी के जरिए ही किया जाना चाहिए, जबकि स्टारलिंक के सीईओ एलन मस्क ने इसका विरोध किया है।
नहीं होगी सैटेलाइट ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम की नीलामी
सैटेलाइट ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम में व्यक्तिगत या घरेलू यूजर्स के लिए प्रावधान शामिल नहीं हैं। रिलायंस ने कहा है कि नीलामी प्रक्रिया घरेलू दूरसंचार ऑपरेटरों को अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ मुकाबला करने का अवसर प्रदान करेगी, जो इंडस्ट्री के हित में सही फैसला होगा।
बता दें, केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि सैटेलाइट ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम का आवंटन प्रशासनिक तौर पर किया जाएगा। इसके लिए कोई नीलामी नहीं होगी। हालांकि, सरकार ने कहा है कि यह मुफ्त नहीं होगा।यह भी पढ़े- मस्क क्री क्रांतिकारी योजना, महज 30 मिनट में दिल्ली से पहुंच सकेंगे अमेरिका, स्पेसक्राफ्ट से होगा धरती पर सफर