आगरा नहर सफाई में धांधली: बैठक रद्द कर मौके पर पहुंच गईं जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू भदौरिया
आगरा में नहरों की सफाई में अनियमितता पाई गई। जिला पंचायत अध्यक्ष ने सिंचाई बंधु की बैठक में अधिशासी अभियंता के न पहुंचने पर नाराजगी जताई और मौके पर जाकर निरीक्षण किया। निरीक्षण में करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी काम अधूरा पाया गया। उन्होंने अधिशासी अभियंता की शिकायत शासन से की है, क्योंकि किसानों को सिंचाई में परेशानी हो रही है।

निरीक्षण करने पहुंची जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू भदौरिया।
जागरण संवाददाता, आगरा। नहरों की सफाई और खडंजा निर्माण के नाम पर करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाने के बाद भी आधा-अधूरा काम किया गया। कहीं पर माइनर से घास-फूस नहीं हटाई, कहीं सिल्ट निकालने के बाद वहींं डाल दी। मंगलवार को जिम्मेदारों की जवाबदेही तय करने के लिए जिला पंचायत कार्यालय में सिंचाई बंधु की बैठक बुलाई गई।
अधिशासी अभियंता लोअर खंड, नहर विभाग के नहीं पहुंचने पर बैठक को रद्द कर जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. मंजू भदौरिया ने माइनर व नहर का मौके पर जाकर भौतिक सत्यापन किया तो सारी गड़बड़ियां सामने आ गईं। जिस पर नाराजगी जताते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष ने अधिशासी अभियंता की शिकायत शासन में की है।
निरीक्षण में सामने आया नहरों की सफाई का सच, अधिशासी अभियंता के खिलाफ लिखा पत्र
इस वर्ष सितंबर में जिले की रजवाह एवं माइनर में घास-फूस व सिल्ट की सफाई, पटरी खड़ंजा बनवाने के लिए सवा दो करोड़ रुपये से अधिक की निविदाएं निकाली गई थीं। ठेकेदारों को 25 दिन में नहरों की सिल्ट घास-फूस निकालने और पटरी आदि का बनाने का काम करना था। नवंबर के पहले सप्ताह तक नहरों में पानी आ जाना चाहिए।
कार्य की समीक्षा के लिए मंगलवार को जिला पंचायत कार्यालय परिसर में सिंचाई बंधु की बैठक बुलाई गई थी। जिसमें अधिशासी अभियंता, सिंचाई नीरज कुमार सिंह को उपस्थित होना था।वह खुद नहीं पहुंचे अपनी जगह सहायक अभियंताओं को भेज दिया। जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. मंजू भदौरिया, बैठक रद्द करके नहर एवं माइनर की साफ-सफाई का भाैतिक सत्यापन करने पहुंची तो खामियां सामने आ गईं।
नहरों की सफाई और खडंजा निर्माण पर करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाने के बाद भी आधा-अधूरा काम
जिला पंचायत अध्यक्ष ने मौके पर पाया कि श्यामो माइनर की सिल्ट एवं घास-फूस को जेसीबी से हटाने के बाद पास में ही डाल दिया गया है। जो दोबारा माइनर में जा सकती है। माइनर की पटरियों पर भी अतिक्रमण मिला। माइनर से पूर्व में निकाली गई घास और मिट्टी को बराबर नहीं किया गया था। जिससे माइनर की पटरियों पर आवगामन नहीं हो सकता था। क्षेत्रीय लोगों से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि नहर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी कभी मौके पर ही नहीं आए थे।जबकि गत वित्तीय वर्ष में माइनर की पटरी पर खड़ंजा की निविदा स्वीकृत हो चुकी थी। मगर, वहां खड़ंजा नहीं मिला।
आलू किसान समय पर नहीं कर सकेंगे सिंचाई
दिगनेर टर्मिनल रजवहा की लंबाई 63 किलोमीटर है। इस टर्मिनल से जिले की 50 प्रतिशत भूमि सिंचित होती है। इसकी सफाई का कार्य भी अभी तक नहीं कराया गया है। जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ेगा। उनकी आलू की फसल की समय पर सिंचाई नहीं हो सकेगी। जिससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा।
छह महीने में सिर्फ एक बार ही बैठक में पहुंचे
अधिशासी अभियंता नीरज कुमार सिंह ने इस वर्ष 18 जून को पदभार ग्रहण किया था। जिसमें सिर्फ सितंबर में मासिक बैठक में शामिल हुए। उक्त बैठक में दिए गए दिशा-निर्देशों का अनुपालन अभी तक नहीं किया गया है।अन्य मासिक बैठकों में वह लगातार अनुपस्थित रहे। जिससे नहरों की सफाई से लेकर अन्य मामलों में महत्वपूर्ण विचार-विमर्श नहीं हो सका। जिला पंचायत अध्यक्ष डा. मंजू भदौरिया ने बताया कि अधिशासी अभियंता के गैर जिम्मेदाराना रवैये की शिकायत शासन को लिखे पत्र में की है।
अधिशाी अभियंता बोले
डीएम के आदेश पर डीसी मनरेगा के साथ जांच में गया हुआ था। सिंचाई बंधु की बैठक में दो सहायक अभियंता को भेजा गया। नहरों के निरीक्षण के दौरान भी वे मौजूद रहे। नीरज कुमार सिंह, अधिशासी अभियंता, सिंचाई

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