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    यूपी के इस जिले को मिली बड़ी सौगात, रनवे-टैक्सी ट्रैक और एयरक्राफ्ट पार्किंग के विस्तार को मिली मंजूरी

    Updated: Fri, 14 Nov 2025 07:08 AM (IST)

    टीटीजेड अथॉरिटी की 65वीं बैठक में एएआई ने सिविल एयर टर्मिनल के लिए रनवे, टैक्सी ट्रैक और एयरक्राफ्ट पार्किंग के विस्तार का प्रस्ताव पेश किया। रनवे और टैक्सी ट्रैक जोड़ने की अनुमति मांगी गई। मंडलायुक्त शैलेंद्र सिंह ने प्रतिबंधों के साथ सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी, लेकिन काम शुरू करने से पहले नीरी और अन्य संबंधित विभागों से अनुमतियाँ लेना अनिवार्य होगा।    

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    जागरण संवाददाता, आगरा। ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) अथारिटी की गुरुवार को हुई 65वीं बैठक में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआइ) ने सिविल एयर टर्मिनल के लिए रनवे, टैक्सी ट्रैक और एयरक्राफ्ट पार्किंग के विस्तार का प्रस्ताव रखा। रनवे और टैक्सी ट्रैक को जोड़ने के लिए टीटीजेड अथारिटी से अनुमति मांगी गई।

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    मंडलायुक्त शैलेंद्र सिंह ने प्रस्ताव को प्रतिबंधों के साथ सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की। यहां काम शुरू करने से पूर्व राष्ट्रीय पर्यावरणीय अभियांत्रिकी शोध संस्थान (नीरी) समेत संबंधित अन्य विभागों की अनुमति प्राप्त करने के बाद ही काम शुरू किया जा सकेगा।

    नए सिविल टर्मिनल का होगा निर्माण

    खेरिया एयरपोर्ट पर नए सिविल टर्मिनल का निर्माण किया जाना है। इसके लिए चहारदीवारी का काम किया जा रहा है। करीब आधे क्षेत्र में चहारदीवारी की जा चुकी है। टीटीजेड की बैठक में एयरपोर्ट के अधिकारी ने बताया कि सिविल टर्मिनल के लिए उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और एडीए से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया जा चुका है।

    परियोजना शुरू करने के लिए पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त करने की प्रक्रिया में है। एडीएम वित्त एवं राजस्व शुभांगी शुक्ला, उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अलीगढ़ के क्षेत्रीय अधिकारी डा. विश्वनाथ शर्मा, महाप्रबंधक जलकल अरुणेंद्र राजपूत, नगर नियोजक रिचा कौशिक, लोकेश शर्मा, रेंजर गिरिजेश तिवारी मौजूद रहे।

    मथुरा में घाटों के विकास को स्वीकृति

    मथुरा में यमुना के घाटों के विकास व पुनरुद्धार की परियोजना के क्रियान्वयन को टीटीजेड अथारिटी से अनुमति का प्रस्ताव रखा गया। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन से इसकी स्वीकृति मिल चुकी है। परियोजना के उद्देश्य, पर्यावरण पर प्रभाव और विभिन्न विभागों द्वारा जारी अनापत्तियों की समीक्षा के बाद मंडलायुक्त ने प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की।

    परियोजना में कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन वेस्ट रूल, 2016 का पूर्णत: पालन करना होगा। यह सुनिश्चित करना होगा कि ठोस अपशिष्ट नदी में नहीं जाए। वहां निकलने वाले अपशिष्ट का समुचित निस्तारण करना होगा।