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Khair By Election Result: जमानत भी नहीं बचा पाई हर चुनाव में टक्कर देने वाली बसपा, भाजपा ने चित किए 'महारथी'

Khair Assembly Byelection Result 2024 खैर सीट पर 2002 के बाद से लगातार बसपा प्रत्याशी का ही होता था मुकाबला। उपचुनाव में महज सात प्रतिशत ही वोट प्राप्त कर सकी बहुजन समाज पार्टी। सपा के इस चुनाव में बड़ी संजीवनी मिली है। चारू केन दूसरे नंबर पर रहीं। खैर सीट जाट बाहुल्य मानी जाती है। पहली बार सुरेंद्र दिलेर विधायक बने हैं।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sun, 24 Nov 2024 07:48 AM (IST)
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UP Bypoll: बसपा प्रमुख की प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़। खैर उपचुनाव के परिणाम में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की इतनी स्थिति खराब होगी, इसका किसी को अंदाजा नहीं था। 2002 के बाद से लगातार हर विधानसभा चुनाव में टक्कर देने वाली बसपा इस बार जमानत भी नहीं बचा पाई है। कुल मतदान में से पार्टी को महज सात प्रतिशत ही वोट मिले हैं।

खैर क्षेत्र में बसपा के लिए सबसे अच्छे दिनों की शुरुआत 2002 से हुई थी। इस दौरान प्रमोद गौड़ पहली बार यहां से पहली बार विधायक निर्वाचित हुई थी। इसके बाद 2007 के विधानसभा चुनाव में भी बसपा प्रत्याशी के रूप में ही प्रमोद गौड़ दूसरे स्थान पर रहे। इस चुनाव में इन्हें रालोद के चौ. सतपाल सिंह से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद 2012 में भी बसपा की राजरानी दूसरे नंबर पर रहीं। इन्हें 28.53 प्रतिशत वोट हासिल हुए।

2017 के चुनाव में भाजपा के अनूप प्रधान जीते

2017 के चुनाव में इस विधानसभा सीट पर भाजपा के अनूप प्रधान ने जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में भी बसपा के राकेश मौर्य दूसरे स्थान पर रहे। इन्होंने कुल 23.20 प्रतिशत वोट हासिल किए। 2022 के चुनाव में भी बसपा से चुनाव लड़ने वाली सपा की मौजूदा प्रत्याशी चारूकेन ने भी 65 हजार से अधिक वोट लेकर दूसरे स्थान हासिल किया, लेकिन इस बार के चुनाव में बसपा तीसरे नंबर पर पहुंच गई है। इसे महज 13365 वोट मिले हैं। यह कुल पड़े वोटों का महज सात प्रतिशत है। आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के प्रत्याशी नितिन चौथे स्थान पर रहे। इन्हें 8269 वोट मिले हैं। यह बसपा के काफी निकट हैं।

तीन प्रत्याशियों की जमानत जब्त

खैर विधानसभा क्षेत्र की सीट पर इस बार कुल पांच प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। इनके लिए कुल 1.86 लाख वोट पड़े थे। चुनाव आयोग से निर्धारित नियमों के तहत प्रत्याशी को जमानत बचाने के लिए कुल 31 हजार वोट लेना जरूरी था, लेकिन विजेता और उप विजेता को छोड़कर अन्य कोई जमानत नहीं बचा सका।

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आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी भी थे मैदान में

बसपा के साथ ही आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के नितिन कुमार और राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के भूपेंद्र कुमार की भी जमानत जब्त हो गई। जानकारों के मुताबिक आयोग के नियमों के मुताबिक अगर कोई उम्मीदवार सीट पर पड़े कुल वोटों का 1/6 यानी 16.66% वोट भी नहीं ले पाता है तो उसकी जमानत जब्त हो जाती है। 

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