Katehari Bypoll 2024: कटेहरी में भाजपा-सपा के बीच सीधी टक्कर, कौन मारेगा बाजी? पढ़ें क्या कह रहे समीकरण
UP by election 2024 सपा से विधायक रहे लालजी वर्मा के लोकसभा चुनाव में सांसद बनने के बाद कटेहरी सीट पर उपचुनाव हो रहा है। भाजपा ने कटेहरी विधानसभा सीट से पूर्व कैबिनेट मंत्री धर्मराज निषाद को मैदान में उतारा है। समाजवादी पार्टी ने यहां सांसद लालजी वर्मा की पत्नी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शोभावती वर्मा को प्रत्याशी बनाया है।
डिजिटल डेस्क, नई इिल्ली। उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर का मतदान होने हैं। प्रतिष्ठा का विषय बन चुकी विधानसभा क्षेत्र कटेहरी की सीट पर विजय पाने के लिए सत्तादल भाजपा और मुख्य विपक्षी दल सपा के बीच सीधी टक्कर है। तीसरे मोर्चे पर बसपा कमान संभाले है। तीनों दलों के कद्दावर नेताओं ने क्षेत्र में ताबड़तोड़ जनसभाएं की और मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशश की। आइए जानते हैं इस जीत पर क्या हैं समीकरण?
सपा से विधायक रहे लालजी वर्मा के लोकसभा चुनाव में सांसद बनने के बाद कटेहरी सीट पर उपचुनाव हो रहा है। भाजपा ने कटेहरी विधानसभा सीट से पूर्व कैबिनेट मंत्री धर्मराज निषाद को मैदान में उतारा है। सपा ने यहां सांसद लालजी वर्मा की पत्नी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शोभावती वर्मा को प्रत्याशी बनाया है।इस सीट पर सपा की ओर से पहले लालजी वर्मा की बेटी छाया वर्मा का नाम सामने आया था। हालांकि, बाद में पत्नी शोभावती को प्रत्याशी बनाने को शोर गूंजने लगा। इसपर परिवारवाद का आरोप लगाकर सपा के यादव वर्ग ने विरोध जताना भी शुरू कर दिया। यहां तक कि निर्दल चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। हालांकि, सपा के शीर्ष नेताओं के मनाने पर मामला शांत हुआ। बसपा ने कांग्रेस जिलाध्यक्ष का पद छोड़ कर आए अमित वर्मा को मैदान में उतारा है।
विधानसभा क्षेत्र कटेहरी का उपचुनाव भले ही त्रिकोणीय नजर आता है, लेकिन यहां भाजपा और सपा के बीच सीधी टक्कर दिखाई देने लगी है। प्रत्याशी से ऊपर उठकर दोनों दलों के बीच पहुंचे चुनाव की सरगर्मी बढ़ गई है। दलीय और जातीय समीकरण में तल्ख हुए चुनाव को शांतिपूर्ण और निर्विघ्न संपन्न कराने में प्रशासन के साथ पुलिस ने कमर कसी है।
कौन हैं भाजपा प्रत्याशी धर्मराज निषाद?
भाजपा ने कटेहरी विधानसभा सीट से पूर्व कैबिनेट मंत्री धर्मराज निषाद को मैदान में उतारा है। यह उनकी परंपरागत सीट है। धर्मराज निषाद तीन बार कटेहरी से विधायक रह चुके हैं। सभी चुनाव उन्होंने बसपा के टिकट पर लड़ा था। धर्मराज निषाद की गिनती बसपा के कद्दावर नेताओं में होती थी। धर्मराज निषाद ने राजनीतिक सफर बसपा से शुरू किया था। वर्ष 1996 में पहली बार बसपा के टिकट पर कटेहरी विधानसभा से चुनाव लड़ा और भाजपा के कदद्दावर नेता पूर्व मंत्री अनिल तिवारी को छह हजार से ज्यादा मतों से पराजित किया था। वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने दोबारा इन्हें कटेहरी से प्रत्याशी बनाया था।चुनाव में उन्होंने सपा के पूर्व विधायक जयशंकर पांडेय को हराया था। लगातार दो बार चुनाव जीतकर वह बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के करीबी बन गए। वर्ष 2007 में लगातार तीसरी बार बसपा के टिकट पर कटेहरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। बसपा सरकार ने इन्हें अपनी कैबिनेट में मत्स्य विभाग का मंत्री बनाया था। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में वह बसपा अध्यक्ष मायावती के निर्देश पर जौनपुर जिले के शाहगंज से चुनाव लड़ा, लेकिन सपा के ललई यादव से इन्हें हार का सामना करना पड़ा।
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में वह अयोध्या जिले की गोसाईगंज सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा। चुनाव में भाजपा के इन्द्र प्रताप तिवारी खब्बू से हार का सामना करना पड़ा था। वर्ष 2018 में वह बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए और अपनी पुरानी सीट कटेहरी में अपनी जमीन तलाश रहे थे। वर्ष 2022 में भाजपा ने उन्हें अकबरपुर विधानसभा में प्रत्याशी बनाया था, लेकिन चुनाव में उन्हें सपा के रामअचल राजभर से हार का सामना करना पड़ा था। इस सीट पर निषाद वोटों की संख्या अच्छी है। साथ ही अन्य जातियों में इनकी पकड़ अच्छी है।
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