डिलीवरी के दौरान हुई जच्चा-बच्चा की मौत की जांच करने पहुंची टीम, डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों का दर्ज किया बयान
अमेठी के एक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत हो गई। परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया, जिसके बाद सीएमओ ने जांच टीम गठित की। टीम ने अस्पताल पहुंचकर कर्मचारियों के बयान दर्ज किए। परिजनों से संपर्क नहीं हो सका। अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि प्रसव चिकित्सक की देखरेख में हुआ था।
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संवाद सूत्र, अमेठी। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर सोमवार को प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत हो गई थी। परिवारजन का आरोप था कि अस्पताल में चिकित्सक नहीं थे। महिला कर्मचारियों ने प्रसव कराने में लापरवाही की। जिससे जच्चा-बच्चा की मौत हो गई। इस मामले में सीएमओ डॉ. अंशुमान सिंह ने डिप्टी सीएमओ डॉ. राम प्रसाद, डॉ. पीके उपाध्याय व डॉ. प्रेमा गोदी को जांच सौंपी है।
मुंशीगंज के टेरी त्रिलोकपुर निवासी अरुण तिवारी की पत्नी दीपा तिवारी को सोमवार को प्रसव पीड़ा हुई थी। जिसके बाद महिला को इलाज के लिए सीएचसी लाया गया था। शाम को प्रसव पीड़ा के दौरान जच्चा और बच्चा की मौत हो गई थी। इसके बाद परिवारजन ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया था।
पांच दिन बाद शुक्रवार को जांच टीम सीएचसी पहुंची। टीम लेबर रूम का निरीक्षण करने के बाद सोमवार शाम अस्पताल में ड्यूटी के समय मौजूद चिकित्सक और कर्मचारियों के बयान दर्ज किए। टीम ने सभी से घटना की जानकारी ली। इसके बाद टीम पीड़ित का बयान दर्ज करने के लिए गई। पीड़ित का मोबाइल नंबर बंद मिलने से उनका बयान दर्ज नहीं किया जा सका।
सीएचसी अधीक्षक डॉ. सौरभ सिंह ने बताया कि जांच टीम अस्पताल आई थी। टीम ने घटना के समय ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक और कर्मचारियों के बयान दर्ज किया है। बताया कि अस्पताल में चिकित्सक मौके पर मौजूद थी। प्रसव चिकित्सक की देखरेख में हुआ है।

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