Heart Attack : छह माह में 40 से अधिक दिल दे गए दगा, हार्ट अटैक से मौतों का सिलसिला जारी
पिछले छह माह में हार्ट अटैक के मामलों में जबर्दस्त तेजी देखने को मिली। ऐसा कोई महीना नहीं गुजर रहा जिसमें छह-सात लोगों की हार्ट अटैक के चलते मृत्यु न हुई हो। गुरुवार को भी ताजउद्दीश हाशमी समेत तीन व्यक्तियों की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हुई। इसकी सूचना से हर कोई अवाक है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक सबसे अधिक दिल के दौरे से मृत्यु सर्दियों में होती है।
जागरण संवाददाता, अमरोहा : हार्ट अटैक से मौतों का सिलसिला जारी है। छह माह के अंदर जिले में 40 से अधिक लोगों के दिल दगा दे गए। इनमें हर उम्र के लोग शामिल हैं। हार्ट अटैक की बढ़ती घटनाओं से चिकित्सक भी हैरान हैं। वह फिलहाल इसकी वजह तापमान में उतार-चढ़ाव व मानसिक तनाव बता रहे हैं।
एक साथ तीन लोगों की मौत
पिछले छह माह में हार्ट अटैक के मामलों में जबर्दस्त तेजी देखने को मिली। ऐसा कोई महीना नहीं गुजर रहा जिसमें छह-सात लोगों की हार्ट अटैक के चलते मृत्यु न हुई हो। गुरुवार को भी ताजउद्दीश हाशमी समेत तीन व्यक्तियों की दिल का दौरा पड़ने से ही मृत्यु हुई। इसकी सूचना से हर कोई अवाक है।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक सबसे अधिक दिल के दौरे से मृत्यु सर्दियों में होती है, क्योंकि सर्दी में दिल की धमनियां सिकुड़ जाती हैं। जिससे दिल में पर्याप्त मात्रा में रक्त का संचरण नहीं हो पाता। जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डा. विनय भार्गव कहते हैं कि सर्दियों में अधिकतर ब्लड प्रेशर, मधुमेह व श्वांस रोगी हार्ट अटैक की चपेट में आते हैं।
ऐसे में अगर सावधानी नहीं बरती गई तो उनकी मृत्यु तक हो जाती है। कहा कि तापमान के उतार-चढ़ाव और शरीर में कोलेस्ट्राल की मात्रा अधिक होने से भी दिल का दौरा पड़ सकता है। इसके अलावा मानसिक तनाव, चिंता भी दिल का दौरा पड़ने की वजह बन सकते हैं। सेहत के प्रति जागरूक न होने व अनियमित दिनचर्या के चलते हर तीसरा व्यक्ति मधुमेह व ब्लडप्रेशर का शिकार है। बड़ी बात यह है कि लापरवाही के चलते तमाम लोगों को यह भी पता नहीं चलता कि वह ऐसे किसी रोग की चपेट में हैं। इसके चलते वह अपने दिल की भी जांच नहीं करा पाते।
पूर्वजों से विरासत में भी मिलती बीमारी
वरिष्ठ फिजिशियन डा. विनय भार्गव ने बताया कि दिल का दौरा पड़ने से अभी तक जिन व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है, हो सकता है कि उनके पूर्वजों को भी पहले ब्लड प्रेशर, मधुमेह की बीमारी रही हो। कहा कि यह बीमारी एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक वंशानुगत भी चलती है। इसलिए ऐसे लोगों को और सतर्क रहना चाहिए जिनके पूवर्जों में यह बीमारी रही हो।ऐसे करें बचाव
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-सुबह उठकर एक गिलास पानी जरूर पीयें।-दिन में सात से आठ गिलास पानी का सेवन करें।-ब्लड प्रेशर व मधुमेह पर नियंत्रण रखें और बराबर दवा का सेवन करें।-30 साल से अधिक आयु वाले अपनी ईसीजी, इको जांच जरूर कराएं।
-सभी व्यक्ति अपनी ब्लड प्रेशर, मधुमेह की जांच कराएं।-सुबह एकदम अपना बिस्तर न छोड़ें।-हीमोग्लोबिन की मात्रा अधिक होने पर एक बार रक्तदान जरूर करें।
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