500 वर्षों का समाधान दो वर्ष में हो गया… सीएम योगी ने कहा- समय रहते उपचार करते तो सदियों तक गुलामी न रहती
Ayodhya News - उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि समय रहते समाज की बीमारियों का इलाज करना जरूरी है ताकि वे बड़ी समस्याएं न बन जाएं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हमें समाज और राष्ट्र को कमजोर करने वाले तत्वों को अलग-थलग करने के लिए सतत प्रयासरत रहना होगा।
संवाद सूत्र, अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में कहा कि समय रहते शरीर की बीमारी का इलाज कर लेते हैं, तो वह असाध्य होने से बच जाता है और यदि ऐसा नहीं करते, तो छोटा फोड़ा बड़ा घाव, अल्सर अथवा कैंसर बन सकता है। शरीर की बीमारी की तरह समाज की भी बीमारी के प्रति ऐसी ही जिम्मेदारी का परिचय देना होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पर हमला करने वाले, हमारी बहन बेटियों की इज्जत लूटने वाले, हमारे तीर्थों का अपमान करने वाले और हमें कई सदियों तक गुलाम रखने वाले विधर्मी चंद लोग ही थे, उनके पास संख्या बल, धन बल, बुद्धि बल और समुचित शक्ति भी नहीं थी, किंतु हम संगठित होकर उनका प्रतिकार नहीं कर पा रहे थे।
उन्होंने कहा कि यदि समय रहते हम समाज की इस बीमारी का उपचार करते तो हमें सदियों तक गुलाम नहीं रहना पड़ता, अपमानित न होना पड़ता और रामजन्मभूमि की मुक्ति के लिए पांच सौ वर्ष तक प्रतीक्षा न करनी पड़ती।
गलतियों की पुनरावृत्ति रोकना ही धर्म का काम
मुख्यमंत्री योगी रामजन्मभूमि मार्ग पर स्थित सुग्रीव किला के नवनिर्मित राजगोपुरम (मुख्य प्रवेश द्वार) का लोकार्पण करने के बाद अपने उद्बोधन में हिंदुत्व की अस्मिता का पाठ पढ़ा रहे थे। मुख्यमंत्री सुग्रीव किला परिसर में ही संतों एवं श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। रामजन्मभूमि मार्ग चौड़ीकरण के चलते गत वर्ष सुग्रीव किला का पुराना गोपुरम गिराना पड़ा था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज को सही दिशा में प्रेरित करना और इतिहास की गलतियों की पुनरावृत्ति रोकना ही धर्म का काम है। अपनी बात के समर्थन में मुख्यमंत्री ने रामजन्मभूमि मुक्ति का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस रामजन्मभूमि की मुक्ति के लिए पांच सौ वर्ष तक प्रतीक्षा करनी पड़ी, उसका समाधान सद्संकल्प एवं संगठित प्रयास के चलते मात्र दो वर्ष में हो गया।
उन्होंने आह्वान किया कि हमें समाज एवं राष्ट्र को कमजोर करने वाले तत्वों को अलग-थलग करने के लिए सतत प्रयासरत रहना होगा। हमारे धर्माचार्यों ने यही किया है। मुख्यमंत्री ने सुग्रीव किला के पूर्वाचार्य वैकुंठवासी जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य का स्मरण दिलाते हुए कहा कि उन्होंने भी इन्हीं मूल्यों के लिए काम किया था।
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