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अयोध्या में साधु के वेश में रह रहे थे दो शातिर, 17 साल बाद गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस तो हर कोई रह गया दंग

UP News अयोध्या में दो शातिर अपराधी साधुओं के वेश में 17 साल से छिपे रह रहे थे। गोंडा में महावीर सिंह हत्याकांड के आरोपी संजय उर्फ विजय और सीताराम को थाना रामजन्मभूमि पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ये दोनों रामनगरी में कुख्यात रहे रामकृपालदास के करीबी भी बताए गए हैं। पुलिस को इनकी तलाश काफी लंबे समय से थी।

By Rama Sharan Awasthi Edited By: Abhishek Pandey Updated: Tue, 08 Oct 2024 11:03 AM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

संवाद सूत्र, अयोध्या। गोंडा में महावीर सिंह हत्याकांड के दो आरोपितों को थाना रामजन्मभूमि पुलिस ने पकड़ा है। पकड़े गए लोगों में बिहार के लखीसराय बड़ईया निवासी संजय उर्फ विजय तथा उसका सहयोगी हनुमान कुटी निवासी सीताराम हैं।

ये लोग वेश बदल कर रह रहे थे। संजय गोविंददास बन कर लक्ष्माणकिला तथा सीताराम यहां राधेश्यामदास के नाम से रामकोट मुहल्ले के हनुमान कुटी में रहता था। दोनों की तलाश गोंडा पुलिस 17 वर्ष से कर रही थी। सीताराम और संजय दोनों ही रामनगरी में कुख्यात रहे रामकृपालदास के करीबी भी बताए गए हैं।

रामकृपालदास की हत्या वर्ष 1996 में हुई थी, जिसमें माफिया श्रीप्रकाश शुक्ल का भी नाम जुड़ा था। वर्ष 2011 में वजीरगंज गोंडा में हुई पुलिस मुठभेड़ में मारे गए हरिनारायणदास के गिरोह से भी इनका संबंध है। सीताराम की तलाश में पहले भी गोंडा पुलिस वांरट के आधार पर उसे पकड़ने आई, लेकिन नाम और वेश बदला होने के कारण पुलिस खाली हाथ लौटती रही।

स्थानीय पुलिस ने खोली पोल

इस बार थाना रामजन्मभूमि को वारंट मिला, तो स्थानीय पुलिस की सतर्कता में दोनों की कलई खुल गई। दोनों यहां साधुवेशधारी के रूप में पहचान छिपा कर रहते थे।

थाना प्रभारी रामजन्मभूमि देवेंद्र पांडेय ने बताया कि वर्ष 2007 में गोंडा के तुलसीपुर माझा नवाबगंज निवासी महावीर सिंह की हत्या हुई थी। इस मामले में वर्ष 2008 में दोनों आरोपियों के विरुद्ध कुर्की की कार्रवाई हुई थी। इसके बाद से दोनों फरार थे। इनकी गिरफ्तारी पर गोंडा पुलिस ने 15-15 हजार रुपये का पुरस्कार भी घोषित किया था।

दोनों ठिकाना बदल-बदल कर रहते रहे। सीताराम का पता हनुमान कुटी था, जो थाना रामजन्मभूमि क्षेत्र में आता है। इसलिए न्यायालय की ओर से जारी वारंट स्थानीय पुलिस को मिला। इसके बाद पहले सीताराम को पकड़ा गया तो उसने पूछताछ में अपनी सही पहचान बताई। उसी ने संजय का भी पता बताया, जिसके बाद दोनों की गिरफ्तारी की गई। संजय लक्ष्मणकिला में रह रहा था।

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