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मिलावटी मिठाई की ऐसे होगी पहचान, हो जाएं सावधान! कहीं आपके घर भी नकली खोवा-पनीर और दूध तो नहीं पहुंच गया

त्योहारों की मिठास में मिलावट की कड़वाहट से बचने के लिए असली और नकली खोवा दूध पनीर और मिठाइयों की पहचान करना ज़रूरी है। इस लेख में हम आपको मिलावटी खाद्य पदार्थों की पहचान करने के आसान तरीके बताएंगे । साथ ही हम आपको यह भी बताएंगे कि अगर आपको मिलावट का संदेह हो तो आपको क्या करना चाहिए ।

By Neeraj Mishra Edited By: Aysha Sheikh Updated: Tue, 29 Oct 2024 07:18 PM (IST)
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कहीं आपके घर में मिठाई तो नहीं पहुंच गई - प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, बरेली। हर्ष एवं उल्लास के त्योहार दीपावली पर घर रंग-बिरंगी लाइटों से नहा उठता है तो वहीं लोग एक-दूसरे के घर मिठाई भेजने के साथ ही खिलाकर खुशियां साझा करते हैं। रोशनी के त्योहार की बधाई देते हैं लेकिन अगर घर में मिलावटी खाद्य सामग्री जैसे खोवा, पनीर, दूध और मिठाई व अन्य सामान पहुंच गया तो खुशी को गम में बदलते देर नहीं लगेगी। लिहाजा खोवा, पनीर, मिठाई आदि से पटे बाजार में असली-नकली की पहचान करके ही खरीदारी करें। पहचान कैसे करें इसकी आसान विधि हम आपको बताएंगे...

जानिए कैसे बनता है नकली खोवा

घटिया किस्म का मिल्क पाउडर, टेलकम पाउडर, चूना, चाक और सफेद केमिकल्स, दूध में यूरिया, डिटर्जेंट पाउडर और घटिया क्वालिटी का वनस्पति घी मिलाकर नकली खोवा बनाया जाता है। सिंथेटिक दूध बनाने के लिए मामूली वाशिंग पाउडर, रिफाइंड तेल, पानी और शुद्ध दूध को मिलाया जाता है।

इस विधि से एक लीटर शुद्ध दूध से 20 लीटर सिंथेटिक दूध बनकर तैयार हो जाता है और इसी से खोवा/ मावा तैयार होता है। कुछ लोग मावा में शकरकंद, सिंघाड़े का आटा, मैदा या आलू भी मिलाते हैं। वजन बढ़ाने के लिए आलू और स्टार्च मिलाया जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक होता है।

ऐसे करें असली-नकली खोवा की पहचान

  • असली खोवा में प्राकृतिक चिकनाई होती है, जिसकी वजह से इसे रगड़ने पर यह चिकना और थोड़ा दानेदार महसूस होगा। इसके विपरीत नकली खोवा में आर्टिफिशियल चीजों की मिलावट होती है, जो इसे रबड़ जैसा बना देती है। रगड़ने पर यह खिंचता है और इसमें रासायनिक पदार्थों की तीखी गंध भी आती है।
  • खोवा में मिलावट की जांच के लिए आयोडीन टेस्ट कारगर तरीका है। मावे में स्टार्च की मिलावट का पता लगाने के लिए गर्म पानी में खोवा का एक टुकड़ा डालें और उसमें आयोडीन की कुछ बूंदें मिलाएं। अगर मिश्रण नीला हो जाता है, तो इसका मतलब है कि खोवा में स्टार्च मिला है।
  • बाजार से खोवा खरीदते वक्त आप इसे चखकर भी देख सकते हैं। असली खोवा मुंह में डालते ही पिघल जाता है और इसमें दूध की प्राकृतिक मिठास महसूस होती है। वहीं नकली खोवा में आर्टिफिशियल चीजें मिलाई गई होती हैं जिसकी वजह से यह मुंह में चिपकता है और स्वाद में फीका होता है।
  • असली और नकली खोवा को पहचानने का एक और तरीका है। खोवा की छोटी-छोटी गोलियां बनाने पर असली खोवा से बनी गोलियां मजबूत होंगी और यह टूटेंगी भी नहीं। लेकिन अगर गोलियां टूट जाती हैं या इन्हें बार-बार गोल करने पर भी दरार पड़ जाती है तो समझ जाइए इसमें मिलावट की गई है।

दूध में मिलावटी की ऐसे करें पहचान

  • किसी चिकनी सतह पर दूध की कुछ बूंदें गिराएं। अगर ये बूंदें बगैर निशान छोड़े तेजी से आगे बढ़ जाएं तो इनमें पानी मिला हुआ है। वहीं दूध अगर शुद्ध होगा तो बूंदें धीरे-धीरे बढ़ेंगी और सफेद धब्बा छोड़ जाएंगी।
  • दही, रबड़ी, खोवा, छेना, पनीर एवं इससे बनी मिठाइयों में स्टार्च की मिलावट को पहचानने के लिए दूध का सैंपल टेस्ट ट्यूब में भरें। उसमें 20 एमएल पानी डालकर उबालें। ठंडा होने पर इसमें दो बूंद आयोडीन डालें। अगर सैंपल का रंग नीला हो जाता है तो इसमें स्टार्च मिला हुआ है।
  • एक टेस्ट ट्यूब (परखनली) में थोड़ा सा दूध और सोयाबीन का पाउडर मिलाकर पांच मिनट बाद इसमें लाल लिटमस पेपर डुबाने पर यदि पेपर का रंग नीला हो जाए तो समझ लें कि दूध में यूरिया मिली हुई है।
  • टेस्ट ट्यूब में बराबर अनुपात में एक चम्मच पिघला हुआ घी या मक्खन व सांद्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मिलाएं और एक चुटकी चीनी मिलाने पर लाल रंग की परत दिखाई दे, तो समझ जाएं कि वनस्पति घी मिला हुआ है।

मिलावटी मिठाई की ऐसे करें पहचान

  • मिठाई का एक छोटा-सा टुकड़ा तोड़कर पानी में डालकर देखें। अगर पानी का रंग बदल जाता है, जैसे कि पीला या गुलाबी हो जाता है, तो इसका मतलब है कि मिठाई में हानिकारक रंग मिलाया गया है।
  • अगर पानी में झाग आता है, तो यह संकेत है कि मिठाई में डिटर्जेंट या अन्य केमिकल मिलाया गया है।
  • अगर पानी की सतह पर तेल की परत बन जाती है, तो यह संकेत है कि मिठाई में वनस्पति तेल या अन्य तेल मिलाया गया है।
  • मिठाई का एक छोटा टुकड़ा लें और इसे आग पर रखकर देखें। असली मिठाई धीरे-धीरे पिघलेगी और इसे जलने में थोड़ा समय भी लगेगा। अगर मिठाई असली है तो इसमें से काला धुआं नहीं निकलेगा। जबकि मिलावटी मिठाई जल्दी पिघल जाएगी। काला धुआं भी निकलेगा।

ऐसे करें असली-नकली पनीर की पहचान

  • असली पनीर का स्वाद थोड़ा क्रीमी होता है। क्योंकि पनीर दूध से बनाया जाता है तो इसमें सिर्फ दूध का ही स्वाद आता है।
  • पनीर का थोड़ा सा टुकड़ा लेकर हाथों से मसलें। अगर यह भुरभुरे रूप में आ जाता है, तो इसका मतलब यह नकली है। असली पनीर भुरभुरा नहीं होता है।
  • नकली पनीर की बनावट थोड़ी हार्ड होती है और वह रबड़ की तरह होता है वहीं असली पनीर मुलायम और स्पंजी होता है। खरीदते वक्त इसे हल्का दबाकर चेक कर सकते हैं कि वो असली है या नकली।
  • पनीर के एक छोटे से टुकड़े को करीब पांच मिनट पानी में उबालें। ठंडा होने के बाद इस पर आयोडीन टिंचर की कुछ बूंदें डालें। पनीर का रंग अगर नीला हो जाता है, तो इसका मतलब है कि वह सिंथेटिक दूध से बना हुआ है।
  • मिक्सी में थोड़ी सी अरहर दाल पीसकर उसका पाउडर बना लें। पनीर का टुकड़ा लें और उसे उबाल लें। ये जब ठंडा हो जाए, तो इसे दाल पाउडर में लपेटें और 10 मिनट तक साइड में रख दें। पनीर का रंग अगर लाल सा हो जाए तो समझ जाएं कि इसमें डिटर्जेंट या यूरिया मौजूद है।

चांदी वर्क लगी मिठाई की ऐसे करें जांच

  • अपनी उंगलियों से मिठाई के ऊपर लगी चांदी की परत को पोछने की कोशिश करें। अगर अवशेष उंगलियों पर चिपकते हैं, तो इसका मतलब है कि चांदी की परत में एल्युमिनियम की मिलावट है।
  • मिठाई से चांदी की एक परत हटाकर उसे जलाएं या गर्म करें। अगर असली चांदी होगी तो गल कर गेंद में बदल जाएगी और अगर मिलावटी होगी तो काली हो जाएगी। क्योंकि एल्युमिनियम भूरे काले रंग की राख में बदल जाती है।
  • अपनी हथेलियों के बीच चांदी की परत को रगड़ें अगर यह चांदी है, तो गायब हो जाएगी। लेकिन अगर इसमें एल्युमिनियम की मिलावट है, तो यह एक छोटी सी गेंद बन जाएगी।

त्योहारों के मद्देनजर व्यापक स्तर पर खाद्य पदार्थों की जांच रही है। जरा सा भी संदेह होने पर तत्काल नमूना लेकर जांच के लिए भेजा जा रहा है। लोगों से अनुरोध है कि जहां भी उन्हें खाद्य पदार्थ में मिलावट या नकली होने का संदेह हो तुरंत कलेक्ट्रे स्थित खाद्य सुरक्षा विभाग को सूचित करें। जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। - अक्षय गोयल, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी

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