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    बरेली में अटकी सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की निविदा, निदेशालय की अनदेखी बनी देरी का कारण

    Updated: Wed, 12 Nov 2025 08:06 PM (IST)

    बरेली नगर निगम की सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की निविदा प्रक्रिया अटक गई है। तकनीकी और वित्तीय परीक्षण में देरी का कारण निदेशालय सदस्यों की अनदेखी बताई जा रही है। शहर के 80 वार्डों से प्रतिदिन 450 टन कूड़ा निकलता है, लेकिन प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना और संचालन अभी अधर में है।

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    जागरण संवाददाता, बरेली। शहर से निकलते कूड़ा के निस्तारण के लिए नगर निगम की ओर मई में आमंत्रित की गई निविदा प्रक्रिया नवंबर के दूसरे सप्ताह तक पूरी नहीं कराई जा सकी है। इसके लिए निदेशालय के सदस्यों की अनदेखी को प्रमुख कारण बताया जा रहा है। इसके लिए निविदा प्रक्रिया धीमी पड़ी है। नगर निगम अधिकारियों के अनुसार निविदा में दस एजेंसियों ने प्रतिभाग किया है, जिसकी तकनीकी परीक्षण के बाद वित्तीय परीक्षण होना है, इसके लिए कमेटी में शामिल एक सदस्य की अरुचि के चलते निविदा में देरी का कारण बन रही है।

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    नगर निगम के 80 वार्डों से हर दिन 450 टन से अधिक कूड़ा निकल रहा है। इसके लिए नगर निगम की ओर स्थानीय स्तर पर निविदा आमंत्रित की गई है। अगस्त में आमंत्रित निविदा में दस एजेंसियों ने प्रतिभाग किया। मगर अब तक निविदा प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी। जबकि इसके लिए नगर निगम की ओर से 24 करोड़ से सथरापुर में सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट स्थल का विकास किया गया है।

    प्रसंस्करण संयंत्र स्थापना एवं प्लांट संचालन एवं रखरखाव के लिए नगर आयुक्त संजीव कुमार ने मई में स्थानीय स्तर से निविदा प्रक्रिया आमंत्रित किया। प्लांट स्थापना और संचालन के लिए निकाले गए निविदा प्रक्रिया में तकनीकी परीक्षण के बाद दस कंपनियां चयनित की गई। निविदा समिति में शामिल सहायक निदेशक क्षेत्रीय नगर एवं पर्यावरण अध्ययन केंद्र से तकनीकी मूल्यांकन प्रक्रिया अगस्त के पहले सप्ताह में ही पूर्ण किए जाने की उम्मीद की गई।

    प्लांट संचालन के लिए सबसे अहम शर्त रियूज एंड रिसाइकल रखा गया है। जिसमें कहा गया कि, जो भी एजेंसी प्लांट संचालन की जिम्मेदारी लेगी वह जीरो लैंड फिल पद्धति पर अपना प्रस्तुतिकरण देगी। इसके साथ ही कई अन्य अहम शर्तें भी रखी गई हैं। शार्ट फाल डाक्यूमेंट के जरिए मैसर्स ग्रीनटेक इनवायरन मैनेजमेंट प्रा.लि., मैसर्स डीएच पटेल, मैसर्स दयाचरण एंड कंपनी, मैसर्स नेशनल फेडरेशन आफ फार्मर, मैसर्स रोल्ज इंडिया, एग्रोविन ग्रीन क्लीन साल्यूशन प्रा. लि. को तत्काल डाक्यूमेंट अपलोड करने को कहा गया।

    एजेंसियों की ओर से डाक्यूमेंट अपलोड करने के बाद भी अब तक निविदा प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी। इसमें सहायक निदेशक क्षेत्रीय नगर एवं पर्यावरण अध्ययन की ओर से गंभीरता नहीं दिखाए जाने के चलते निविदा प्रक्रिया पूरी नहीं जाने की बात कही जा रही है। इससे शहर के बाकरगंज में पांच लाख टन से अधिक कूड़ा डंप हो गया। जिसे खत्म करने के लिए नगर निगम ने प्रतिदिन 1700 टन क्षमता की लीगेसी वेस्ट निस्तारण प्लांट लगाया गया है।