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Chitrakoot Diwali: दीपों से झिलमिला उठी मंदाकिनी, जैसे गोद में उतरी हो आकाश गंगा; कल भी होगा दीपदान

Chitrakoot Deepdan Mela चित्रकूट में दीपदान मेले में देशभर से आए 25 लाख श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी और कामदगिरि में दीपदान किया। यह आयोजन भगवान रामलला के अयोध्या मंदिर में विराजमान होने के बाद हुआ । श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी में स्नान किया और सुख समृद्धि की कामना की। प्रशासन ने सुरक्षा और यातायात के लिए विशेष इंतजाम किए थे ।

By hemraj kashyap Edited By: Aysha Sheikh Updated: Thu, 31 Oct 2024 09:59 PM (IST)
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मंदाकिनी तट में दीपदान करते श्रद्धालु। जागरण
जागरण संवाददाता, चित्रकूट। भगवान रामलला के अयोध्या के दिव्य व भव्य मंदिर में विराजमान के बाद जन्म स्थान में जैसा उत्साह व उमंग दीपोत्सव में दिखा। वैसा ही उल्लास तपोभूमि में देखने को मिला। धनतेरस से शुरु हुए पांच दिवसीय दीपदान मेला के मुख्य पर्व दीपावली अमावस्या पर मंदाकिनी तट आस्था में डूबा दिखा। जैसे ही गोधुल बेला हुई तो मंदाकिनी की गोद दीपों से झिलमिला उठी। ऐसा लगा जैसे आकाश गंगा उतर आई हो।

दीपावली अमावस्या पर देशभर से आए करीब 25 लाख श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी व कामदगिरि में दीपदान किया और सुख समृद्धि की कामना की। श्रद्धालुओं ने दीपदान के पहले मंदाकिनी में डुबकी भी लगाई। पांच दिवसीय दीपदान मेला में गुरुवार को आस्था के समंदर जैसा नजारा नजर आया।

मंदाकिनी तट रामघाट में दीपदान करते श्रद्धालु।  जागरण

पतित पावनी में मंदाकिनी और कामदगिरि में दीपदान के लिए छोटी दीवाली की रात से श्रद्धालुओं के जुटने का सिलसिला शुरू हुआ तो भोर में सैलाब बन गया। शाम तक धर्मनगरी में तिल रखने की जगह नहीं थी। लोग मंदाकिनी सहित कामदगिरि में घी और तेल के दिये जला सुख समृद्धि की कामना कर रहे थे। वैसे शाम को रामघाट में दीपदान का सिलसिला शुरू हुआ तो मंदाकिनी की गोद असंख्य दीपों की रोशनी से जगमगा उठी।

रामघाट का अद्भुद, अलौकिक नजारा हर किसी को अपनी ओर आकर्षित किया। दीपदान की सिलसिला दूसरे दिन भोर तक चलता रहा। प्रमुख द्वार व परिक्रमा मार्ग श्रद्धालुओं के अपार भीड़ रही। वैसे कुछ लोग शुक्रवार को भी अमावस्या मनाएंगे। ऐसे में यही नजारा आज भी देखने को मिलेगा। पूर्व के कई मेला के कटु अनुभव को ध्यान पर रखकर प्रशासन चौकन्ना है।

रोशनी से नहाया स्टेशन से लेकर रामघाट तक 

तपोभूमि का दीपदान वैसे ही खास हुआ करता है लेकिन दो साल से श्री चित्रकूटधाम तीर्थ विकास परिषद ने इसे और विशेष बना दिया है। जिसको लोग भी सराह रहे हैं। चित्रकूधाम कर्वी स्टेशन से रामघाट व कामदगिरि परिक्रमा तक तपोभूमि को दिव्य व भव्य रूप से सजाया गया है।

सभी प्रमुख चौराहों को विशेष रूप से सजावट है जबकि जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय से रामघाट तक 13 एलईडी तोरण द्वार बनाए गए हैं। रात में भी दिन जैसा नजारा दिख रहा था। मेला को आकर्षक रूप से सजाने में परिषद के विशेष कार्यपालन अधिकारी एएसडीएम पंकज वर्मा की मेहनत है।

डीएम व एसपी ने भी कई बार किया निरीक्षण

मेला की व्यवस्थाओं का डीएम शिवशरणप्पा जीएन व एसपी अरुण कुमार सिंह ने कई बार जायजा लिया। जबकि एडीएम उमेशचंद्र निगम, अपर एसपी चक्रपाणि त्रिपाठी, सीओ राजकमल, एसडीएम पूजा साहू लगातार भ्रमण करते रहे। जोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेट भी नजर बनाए थे।

सादे ड्रेस में रही खुफिया टीमें

संदिग्ध व्यक्तियों व वस्तुओं पर नजर के लिए एलआइयू की टीमें सादे ड्रेस में मेला में डटी रही। रामघाट समेत भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में मेटल डिटेक्टर से जांच पड़ताल की गई। वहीं सौ से अधिक सीसीटीवी कैमरे से भी नजर रही। ड्रोन कैमरा से भी सुरक्षा का जायजा लिया गया। मंदाकिनी में जल पुलिस तो सड़क में यातायात और सिविल पुलिस सुरक्षा में तैनात थी।

वन-वे रहा पूरा मेला क्षेत्र

श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो तो इस बार यातायात प्लान बेहतर बनाया गया था। बसों को बेड़ी पुलिया, जीप व कार को रानीपुर भट्ट, ई-रिक्शा को रामायण मेला और बाइक को यूपीटी के पास रोक दिया गया था। जबकि श्रद्धाुलओं को पैदल वन वे गुजारा गया।

आज भी होगा दीपदान

पांच दिवसीय मेला में दीपावली की परीवा को भी दीपदान होता है लेकिन इस बार अमावस्या दो दिन की है तमाम लोग शुक्रवार को भी अमावस्या मान रहे हैं ऐसे में आज भी लाखों श्रद्धालु मंदाकिनी में स्नान कर दीपदान करेंगे। आज से गधा मेला भी शुरू होगा।

संत बोले

‘दीपावली का चित्रकूट में बहुत महत्व है। जब राम वनवास आए थे तो अमावस्या का अधेरा था। सीता जी ने पूरे चित्रकूट में दीप मालिका जलाई थी। तभी से दीपावली मनाई जा रही है। जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य-तुलसीपीठ चित्रकूट

‘चित्रकूट की दीप मालिका का बहुत बड़ा महत्व है क्योंकि यहां पर लाखों लोग आ रहे हैं यह इसी वर्ष नहीं अनादिकाल की परम्परा है। यह त्रेता की परम्परा है यह खुशी का पर्व है राम आए थे खुशी में मनाई गई थी। जगद्गुरु रामस्वरूपाचार्य-कामदगिरि पीठ चित्रकूट

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