भाजपा नेता के घर की सीढ़ियां आखिरकार टूट गईं... दारोगा की शिकायत पर फिरोजाबाद में कार्रवाई
एक दारोगा की शिकायत पर प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए भाजपा नेता के घर की सीढ़ियां तोड़ दीं। इस घटना के बाद भाजपा नेता ने प्रशासन के इस कदम पर सवाल उठाए हैं और इसे राजनीतिक द्वेष से प्रेरित बताया है।

न्यू इंद्रा नगर में तहसीलदार राखी शर्मा (बाएं से सातवीं) की उपस्थिति में भाजपा नेता की सीढ़ी को तोड़ती नगर पालिका की टीम: जागरण
संवाद सूत्र, जागरण. टूंडला। एटा रोड स्थित कॉलोनी में प्रतिष्ठा का मुद्दा बनीं भाजपा नेता के घर की सीढ़ियां आखिरकार टूट गईं। इसकी शिकायत पड़ोस में रहने वाले दारोगा ने की थी। मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा चुका है। इसके बाद भी एक वर्ष पुराने एसडीएम के आदेश पर तहसीलदार के नेतृत्व में पहुंची टीम ने शनिवार को सीढ़ियां तुड़वा दीं।
एसडीएम के एक वर्ष पूर्व दिए गए आदेश पर तहसील ने की कार्रवाई
न्यू इंद्रा नगर निवासी जितेंद्र शर्मा भाजपा में जिला कार्यकारिणी सदस्य के रूप में लंबे समय से हैं। उनके पड़ोसी धर्मेश रावत जो पुलिस में दारोगा के पद पर हैं। वह इन दिनों कासगंज पुलिस लाइन में हैं। उन्होंने जितेंद्र शर्मा द्वारा बनाए गए मकान के बाहर बनवाई गई सीढ़ी पर आपत्ति जताते हुए शिकायत तहसील में की गई थी। इसके आधार पर तत्कालीन एसडीएम डा. गजेंद्र पाल सिंह ने 16 अक्टूबर 2024 को सीढ़ी तुड़वाने के आदेश नगर पालिका प्रशासन को दिए थे।
इस आदेश के विरुद्ध भाजपा नेता ने जिला न्यायालय में वाद दायर किया। न्यायालय ने भाजपा नेता के उपस्थित न होने पर वाद निरस्त कर दिया। हालांकि जितेंद्र शर्मा का कहना है कि उन्होंने हर तारीख में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी, लेकिन गलत तरीके से उन्हें अनुपस्थित दर्शाया गया। इस आदेश के विरुद्ध उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली। वहां 23 सितंबर को सुनवाई के बाद आठ जनवरी 2026 की तारीख लगी है।
हाईकोर्ट पहुंच चुका है मामला, प्रतिष्ठा की बात बन गईं थी सीढ़ियां
इससे पहले ही शनिवार को तहसीलदार राखी शर्मा के नेतृत्व में नगर पालिका की टीम ने सीढ़ियां तुड़वा दीं। इस पर भाजपा नेता का कहना है कि एक वर्ष पूर्व के आदेश पर अचानक कार्रवाई ठीक नहीं है। वैसे भी नगर पालिका प्रशासन को तीन इंच सीढ़ी तोड़ने के आदेश दिए गए थे, लेकिन उनकी पूरी सीढ़ी ही तोड़ दी गई। इस संबंध में एसडीएम अंकित कुमार वर्मा का कहना है कि वर्ष 2024 में हुए आदेश के अनुपालन में यह कार्रवाई की गई है। भाजपा नेता ने हाईकोर्ट में वाद दायर किया है, लेकिन अभी तक उन्हें स्टे नहीं मिला है।

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