खाकी वर्दी के गद्दारों की बेल खारिज, दो सिपाहियों पर लगा है बंदी को भगाने की साजिश रचने का आरोप, रिमांड पर
बंदी को भगाने की साजिश में शामिल दो सिपाहियों की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है। खाकी को दागदार करने वाले इन सिपाहियों को रिमांड पर भेज दिया गया है। कोर्ट ने माना कि सिपाहियों पर लगे आरोप गंभीर हैं, जिसके चलते उन्हें रिमांड पर भेजा गया है ताकि मामले की पूरी जांच हो सके। पुलिस गहनता से मामले की छानबीन कर रही है।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। डासना जिला कारागार से चार अक्टूबर को दो बंदियों को भगाने का प्रयास करने के आरोप में गिरफ्तार दोनों सिपाहियों की जमानत अर्जी कोर्ट ने खारिज कर दी है। पुलिस ने कोर्ट में सिपाहियों का एक दिन का रिमांड मांगा था, जिसे कोर्ट ने मंजूर करते हुए शनिवार सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक पूछताछ की अनुमति दी है। पुलिस दोनों आरोपितों से बंदियों को भगाने के प्रयास की साजिश के बारे में जानकारी जुटाएगी।
एसीपी कविनगर सूर्यबली मौर्य के मुताबिक सिपाही सचिन और राहुल की सीडीआर की जांच की जा रही है। इससे पता चल सके कि दोनों ने जेल में बंदी लेकर जाने से पहले और बाद में किन लोगों से बात की। दोनों के बैंक खातों की भी जांच की जा रही है।
रिमांड पर पुलिस दोनों आरोपितों से पूछेगी कि बंदी किस मसकद से लेने गए थे। मालूम हो कि पुलिस लाइन में तैनात सिपाही सचिन और राहुल चार अक्टूबर को जिला कारागार पहुंचे और हापुड़ की मोनाड यूनिवर्सिटी में मार्कशीट और डिग्री के फर्जीवाड़े के आरोप में जेल बंद बिजेंद्र सिंह उर्फ बिजेंद्र सिंह हुड्डा एवं निशानेबाज का अपहरण कर लूट करने के आरोपित वंश को ले जाने की मांग करने लगे।
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उनके पास छह बंदियों का तलबी आदेश था, लेकिन सिर्फ दो बंदियों को लेने की मांग करने पर जेलकर्मियों ने मना कर दिया था। इसी बीच दोनों सिपाही जेल से बाहर चले गए। जेल अधीक्षक ने पुलिस अधिकारियों को पूरे मामले की जानकारी दे दी।
जांच में पाया गया कि दोनों सिपाही बिना रवानगी जेल गए थे। उनकी बंदियों को ड्यूटी पेशी पर ले जाने के लिए नहीं लगी थी। जिन कागजात को वह लेकर गए थे वह उन्होंने रिकार्ड से चोरी किए थे। इसके बाद दोनों सिपाहियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया था।

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