गाजियाबाद में भाजपा के सिपहसालार; बिना टीम कैसे लगाएंगे पार्टी की नैया पार; चुनाव की तैयारियों पर पड़ सकता है असर
गाजियाबाद में भाजपा महानगर टीम का विस्तार अभी तक नहीं हो पाया है, जिससे कार्यकर्ताओं में निराशा है। महानगर अध्यक्ष की ताजपोशी के नौ महीने बाद भी टीम क ...और पढ़ें
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मयंक गोयल, महानगर अध्यक्ष, भाजपा
आशुतोष गुप्ता, साहिबाबाद। विधानसभा चुनाव 2027 और जिला पंचायत चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। सभी राजनैतिक दलों ने चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं। वहीं भाजपा महानगर टीम का अभी तक विस्तार नहीं हो पाया है। महानगर अध्यक्ष की ताजपोशी के नौ माह बाद भी टीम की घोषणा नहीं होने से कार्यकर्ताओं में रोष की स्थिति है।
ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि भाजपा के सिपहसालार दोनों चुनाव में पार्टी की नैया को कैसे पार लगा सकेंगे। कार्यकर्ता लगातार महानगर टीम की घोषणा की मांग कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि महानगर टीम की सूची भी सियासत की भेंट चढ़ रही है। कार्यकर्ताओं के नाम में असहमति होने के कारण टीम की घोषणा नहीं हो पा रही है। महानगर अध्यक्ष पद की दावेदारी में 62 कार्यकर्ताओं ने ताल ठोंकी थी।
महानगर अध्यक्ष पद को लेकर भी सियासत गर्म थी। लेकिन आखिर में मयंक गोयल ने बाजी मारी और मार्च 2024 में उनके सिर महानगर अध्यक्ष का ताज सज गया। इसके बाद से लगातार महानगर टीम के विस्तार की चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं। कार्यकर्ता लगातार महानगर टीम में जगह पाने के लिए जुगत लगा रहे हैं। लेकिन देरी के कारण अब कार्यकर्ताओं में निराशा की स्थिति है।
जिस जोश व उर्जा से कार्यकर्ताओं को काम करना चाहिए, वह नहीं कर पा रहे हैं। यह हाल तब है जब वर्ष 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं और 2026 की शुरुआत में ही जिला पंचायत चुनाव प्रस्तावित हैं। ऐसे में कार्यकर्ताओं की नाराजगी व संगठन के विस्तार में देरी चुनावी तैयारियों में असर डाल सकती है।
सूत्र बता रहे हैं महानगर टीम में विभिन्न पदों पर दावेदारों को लेकर संगठन और जनप्रतिनिधियों में आपसी सहमति नहीं बन पा रही है। इसको लेकर सियासत तेज हो गई है। सियासतदान अपने चहेतों को महानगर टीम में जगह दिलाना चाहते हैं। इस असहमति के कारण ही लंबा समय बीतने के बाद भी टीम की घोषणा में देरी हो रही है। वहीं नामित पार्षदों, सभासदों व अन्य पदों पर भी घोषणा नहीं होने के कारण कार्यकर्ताओं में रोष है और उनका मनोबल टूट रहा है। महानगर टीम की घोषणा के बाद ही तैयारियां जोर पकड़ सकेंगी और भाजपा की नैया पार लग सकेगी।
महानगर टीम में मुख्य रूप से आठ उपाध्यक्ष, चार महामंत्री, एक कोषाध्यक्ष, आठ मंत्री, 40 से 42 कार्यकारिणी सदस्य समेत अन्य पदों पर कार्यकर्ताओं की घोषणा होनी है। महानगर टीम बनने के बाद विभिन्न माेर्चों व प्रकोष्ठों के अध्यक्षों की घोषणा होनी है और इनमें भी टीम बननी हैं। ऐसे में भाजपा संगठन के पास समय कम बचा है और लक्ष्य अधिक हैं। जानकारों का कहना है कि संगठन का विस्तार जल्द से जल्द होना चाहिए।
एसआईआर में भी लक्ष्य नहीं हो पाया पूरा
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि यह समय संगठन विस्तार कर तेजी से काम करने का है। संगठन का विस्तार नहीं होने से विशेष पुनरीक्षण अभियान (एसआइआर) का काम भी उतनी तेजी से नहीं हो पाया, जितनी अपेक्षा की गई थी। इस कारण ही एसआइआर में संगठन लक्ष्य पूरा नहीं कर पाया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सोमवार को नेहरूनगर सरस्वती विद्या मंदिर में समीक्षा बैठक के दौरान अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए।
लंबी हो गई है संगठन में पद पाने वालों की फेहरिस्त
भाजपा के सत्ता में होने के कारण महानगर संगठन में पद पाने वालों की फेहरिस्त लंबी हो गई है। उपाध्यक्ष से लेकर महामंत्री, मंत्री समेत अन्य पदों पर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पद पाने के लिए जुगत लगा रहे हैं। कई कार्यकर्ता तो पहले से ही अपने आकाओं की शरण में पहुंच गए हैं और पद के लिए गोटी फिट करने में जुटे हैं।
कई तो ऐसे चेहरे हैं, जिन्होंने पहले तो महानगर अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी की थी लेकिन मायूसी हाथ लगने पर वह टीम में हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं। हालांकि भाजपा पहले भी सत्ता में रही है लेकिन इस बार जितनी मारामारी पद को लेकर देखी जा रही है, उतनी पहले नहीं देखी गई।

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