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पूर्व CJI चंद्रचूड़ बनकर बुजुर्ग महिला को किया डिजिटल अरेस्ट, 20 लाख खाते में कराए ट्रांसफर

साइबर अपराधियों ने एक बुजुर्ग महिला को डिजिटल अरेस्ट का झांसा देकर 20 लाख रुपये ठग लिए। आरोपियों ने सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ बनकर वीडियो कॉल किया और धमकाया। पीड़िता ने बैंक जाकर पैसे ट्रांसफर कर दिए लेकिन बैंककर्मियों की सूझबूझ से दूसरी बार ठगी का शिकार होने से बच गईं। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

By vinit Edited By: Geetarjun Updated: Sun, 17 Nov 2024 05:03 PM (IST)
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पूर्व सीजेआई बनकर बुजुर्ग महिला को डिजिटल अरेस्ट रख 20 लाख रुपये ठगे।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। साइबर अपराधियों ने इंदिरापुरम निवासी बुजुर्ग महिला को डिजिटल अरेस्ट बताकर 20 लाख रुपये ठग लिए। पीड़िता को बदमाशों ने सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (Ex CJI DY Chandrachud) के नाम से वीडियो कॉल कराकर भी धमकाया।

पीड़ित ने इस अवधि में जब अपनी बेटी से बात करनी चाही तब आरोपियों ने उन्हें धमकाते हुए कहा कि डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) की अवधि में वह किसी से बात भी नहीं कर सकती। 20 लाख रुपये लेने के बाद महिला से आरोपियों ने 29 लाख रुपये ट्रांसफर करने को कहा।

पीड़िता बैंक पहुंच भी गईं, लेकिन बैंक अधिकारियों की सूझबूझ से दूसरी बार वह ठगी का शिकार होने से बच गईं। पीड़िता की शिकायत पर साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज किया गया है।

10 नवंबर को आया पहला कॉल

इंदिरापुरम की शिप्रा सनसिटी निवासी बुजुर्ग महिला लज्जा बगाई के पास 10 नवंबर को रनवीर नामक व्यक्ति ने वॉट्सऐप वीडियो कॉल करते हुए खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का इंस्पेक्टर बताया। उसने कहा कि उनके मोबाइल नंबर की जांच की जा रही है और नंबर कभी भी बंद हो सकता है।

बेटी से भी नहीं करने दी बात

पीड़िता ने अपनी बेटी को फोन करने के लिए कहा तो आरोपी ने उन्हें धमकाते हुए कहा कि वह डिजिटल गिरफ्तार हैं। इसलिए बिना अनुमति किसी से बात नहीं कर सकती हैं। उनसे कहा गया कि मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले की जांच में उनका आधार नंबर आया है, इसलिए जांच की जा रही है।

गिरफ्तारी वारंट तुरंत हो जाएगा जारी

उनसे बैंक खातों की जानकारी मांगी गई। इसके बाद फोन कट गया। कुछ देर बाद दोबारा उनके पास फोन आया, इस बार दो लोग वीडियो कॉल पर जुड़े हुए थे। दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम रोहित गुप्ता बताते हुए खुद का परिचय सीबीआई इंस्पेक्टर के रूप में दिया और कहा कि वीडियो कॉल की अवधि के दौरान फोन नहीं काटना है अन्यथा तत्काल गिरफ्तारी वारंट जारी हो जाएगा।

दूसरे दिन फिर आया कॉल

उनसे कहा गया कि उन्हें इस बात की जानकारी किसी को भी नहीं देनी है और वीडियो कॉल जारी रखनी है। अगले दिन सुबह 10 बजे फिर उनके पास फोन आया। उनसे बैंक खातों की जानकारी ली गई।

सीजेआई चंद्रचूड़ करेंगे सुनवाई

बुजुर्ग महिला से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ हैं जो उनका मामला कोर्ट में देखेंगे और सुबह साढ़े 10 बजे फोन आएगा। क्येांकि वह बुजुर्ग महिला हैं इसलिए घर बैठे कोर्ट उनकी बात सुनेगी।

उनके पास करीब सवा 11 बजे फोन आया और एक व्यक्ति ने खुद को न्यायाधीश बताते हुए उन्हें वॉट्सऐप पर कोर्ट नोटिस भेजा, जिसमें उनके केनरा बैंक के खाते का मनी लॉन्ड्रिंग में प्रयोग किए जाने की जानकारी थी।

पीड़िता को बैंक की धनराशि जांच की अवधि में बताए गए बैंक खाते में ट्रांसफर करने को कहा गया इस दौरान वीडियो कॉल जारी रही। पीड़िता ने बैंक जाकर बताए गए खाते में रुपये ट्रांसफर कर दिए।

बैंककर्मियों की सूझबूझ से दोबारा रुपये ट्रांसफर नहीं किए

पीड़िता के पास 12 नवंबर को फिर आरोपियों ने फोन कर कहा कि उन्हें बैंक जाकर 29 लाख रुपये ट्रांसफर करने हैं। पीड़ित बैंक भी पहुंच गईं, लेकिन बैंककर्मियों को शक होने पर उनसे पूरा मामला पूछा। जानकारी होने पर बैंककर्मियों ने उन्हें बताया कि उनके साथ ठगी हुई है। उन्हें पुलिस में शिकायत दर्ज करानी चाहिए।

केस दर्ज कर पुलिस बैंक खाते की जानकारी जुटा रही

पुलिस का कहना है कि पीड़िता के पति की मृत्यु हो चुकी है। उनके पति स्वास्थ्य विभाग में अधिकारी पद से सेवानिवृत हुए थे। पीड़िता की दो बेटियां हैं, दोनों बाहर रहती हैं। पीड़िता की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया गया है। जिस खाते में धनराशि ट्रांसफर हुई है उसकी जांच की जा रही है। शीघ्र आरोपियों को पकड़ा जाएगा।

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