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Ghaziabad Bypolls Result 2024: गाजियाबाद में अपनों के बीच पहुंच बनाने में सपा-कांग्रेस गठबंधन नाकाम, नतीजा बड़ी हार

गाजियाबाद विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत ने सपा-कांग्रेस गठबंधन की चुनावी रणनीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। भाजपा ने संगठन स्तर पर मजबूत आधार तैयार कर मतदाताओं के बीच अपनी पैठ को और गहरा किया। इसी रणनीति के तहत भाजपा प्रत्याशी ने रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की। कम मतदान के बावजूद रिकार्ड मतों से गठबंधन प्रत्याशी की हार का नतीजा चौंकाने वाला रहा।

By Shahnawaz Ali Edited By: Sonu Suman Updated: Sat, 23 Nov 2024 05:56 PM (IST)
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गाजियाबाद में अपनों के बीच पहुंच बनाने में सपा-कांग्रेस गठबंधन नाकाम।
शाहनवाज अली, गाजियाबाद। विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन का उम्मीद से परे बेहद खराब प्रदर्शन रहा। कम मतदान के बावजूद रिकार्ड मतों से गठबंधन प्रत्याशी की हार का नतीजा चौंकाने वाला रहा। इस हार के बाद गठबंधन की चुनावी रणनीति से जुड़े कई पहलुओं पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। राजनीतिक गलियारे में यह बात पहले से ही तैर रही है कि सपा और कांग्रेस का गठबंधन अपने पारंपरिक वोट बैंक में भी प्रभावी पहुंच बनाने में नाकाम रहा, जिसका नतीजा बड़ी हार के रूप में सामने आया।

गाजियाबाद विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से संवाद स्थापित करने के लिए एक कार्यक्रम किया, जिसमें उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए हर बूथ जीतने का मंत्र दिया और पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) को साधने के लिए उनकी दुखती नब्ज पर भी हाथ रखा। उनका यह एक प्रयास अपने में ही सिमटा नजर आया।

शहरी मतादाताओं तक पहुंच बनाने में नाकाम

गठबंधन प्रत्याशी शहर के अधिकांश मतदाताओं तक पहुंच बनाने में नाकाम रहा। इसके मुकाबले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रोड शो से लेकर तीन बड़े चुनावी कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरा। सपा और कांग्रेस गठबंधन ने अपनी चुनावी रणनीति में जहां तमाम कमजोरी छोड़ी।

भाजपा ने संगठन स्तर पर बनाई मजबूत पैठ

वहीं, भाजपा ने संगठन के स्तर पर मजबूत आधार तैयार कर मतदाताओं के बीच अपनी पैठ को और गहरा किया। इसी रणनीति के तहत भाजपा प्रत्याशी ने रिकार्ड मतों से जीत दर्ज की। हालांकि, चुनाव परिणाम से पहले राजनीतिक गलियारों में यह बात आम थी कि भाजपा 35 से 40 हजार मतों से जीत दर्ज करेगी, लेकिन यह अंतर 70 हजार तक पहुंचेंगे इसका किसी को अंदाजा नहीं था।

मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में भी खिला कमल

बात सिर्फ कुंदरकी विधानसभा सीट की नहीं है। गाजियाबाद विधानसभा उपचुनाव में भी भाजपा का कमल मुस्लिम इलाकों में भी परिणाम के दौरान खिलता नजर आया। मुस्लिम बहुल कैला भट्ठा, इस्लाम नगर और मिर्जापुर आदि में भाजपा प्रत्याशी को उम्मीद से कहीं अधिक वोट मिले। दलित बूथों पर भी भाजपा ने पैठ जमाई, जबकि सपा-कांगेस गठबंधन से यहां सामान्य सीट पर दलित प्रत्याशी को मैदान में उतारा गया था। परिणाम देखें तो इसका कोई लाभ गठबंधन प्रत्याशी को मिलता नजर नहीं आया।

समझ से परे हैं परिणाम : सिंह राज जाटव

सपा-कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी सिंह राज जाटव ने चुनाव परिणाम के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चुनाव नतीजे चाैंकाने वाले हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि मुस्लिम और दलित बहुल इलाकों में भाजपा कैसे जीत रही है। कुल 507 बूथों में भाजपा इन मुश्किल हालात में 500 बूथों पर जीत गई। जबकि लोगों में भाजपा के प्रति महंगाई, भ्रष्टाचार, बढ़े अपराध को लेकर गुस्सा है।

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