गोरखपुर के बाद एम्स में सबसे ज्यादा आते हैं बिहार के रोगी, OPD सेवा शुरू होने के बाद तेजी से बढ़ी संख्या
गोरखपुर एम्स में इलाज के लिए आने वाले मरीजों में गोरखपुर के बाद बिहार के मरीजों की संख्या सबसे अधिक है। पिछले छह सालों में गोरखपुर से 17 लाख और बिहार से साढ़े तीन लाख मरीज आए हैं जिनमें सिवान और गोपालगंज के मरीज अधिक हैं। ओपीडी सेवा शुरू होने के बाद रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ी है और अब प्रतिदिन पांच हजार से अधिक मरीज आ रहे हैं।

दुर्गेश त्रिपाठी, जागरण गोरखपुर। एम्स गोरखपुर में उपचार के लिए गोरखपुर के रोगियों के बाद सबसे ज्यादा बिहार के रोगी आते हैं। छह वर्ष में जहां गोरखपुर के 17 लाख 36 हजार 395 रोगी उपचार के लिए पहुंचे तो वहीं बिहार से साढ़े तीन लाख रोगी पहुंचे। इनमें सबसे ज्यादा रोगी सिवान और फिर गोपालगंज जिले से आए हैं।
पश्चिमी चंपारण के 87 हजार से ज्यादा रोगी पहुंचे। छपरा, पटना और बिहार के अन्य जिलों से भी रोगी एम्स गोरखपुर आ रहे हैं। एम्स में आए रोगियों के मामले में देवरिया तीसरे और कुशीनगर चौथे नंबर पर है। महराजगंज, बस्ती और सिद्धार्थनगर के रोगी एम्स गोरखपुर में कम आते हैं।
वर्ष 2019 में एम्स गोरखपुर में ओपीडी सेवा की शुरुआत हुई। इसके साथ ही गोरखपुर और पूर्वांचल के आसपास के जिलों के साथ ही बिहार व नेपाल के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ती गई। भर्ती होने की सुविधा शुरू होने के बाद तेजी से रोगी बढ़े। इस बीच कोरोना संक्रमण शुरू होने के बाद रोगियों की संख्या में कमी आयी लेकिन संक्रमण खत्म होने के बाद रोगी बढ़ते गए।
पांच हजार के पार हो जा रही संख्या
एम्स गोरखपुर की ओपीडी में रोगियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। वर्ष 2019 में जहां ओपीडी में प्रतिदिन तकरीबन पांच सौ रोगी आते थे वहीं अब यह संख्या पांच हजार प्रतिदिन का आंकड़ा पार करने लगा है। 11 अगस्त 2025 को एम्स की ओपीडी में पांच हजार 99 रोगी पहुंचे। मंगलवार को ही ओपीडी में 4932 रोगी और इमरजेंसी में 133 रोगी पहुंचे। यदि ओपीडी और इमरजेंसी में पहुंचने वाले रोगियों की संख्या जोड़ें तो मंगलवार को पांच हजार 65 रोगी पहुंचे।
महराजगंज से ज्यादा नेपाल से आते हैं रोगी
महराजगंज जिले से ज्यादा नेपाल के रोगी एम्स गोरखपुर में पहुंचते हैं। स्थापना के बाद अब तक तकरीबन 65 हजार रोगी नेपाल से एम्स गोरखपुर आ चुके हैं। जानकारों का कहना है कि महराजगंज जिले के ज्यादातर रोगियों के लिए बीआरडी मेडिकल कालेज पहुंचना आसान होता है इसलिए वह वहां चले जाते हैंं। नेपाल के रोगी एम्स गोरखपुर में उच्चस्तरीय और उत्कृष्ट उपचार की आस में पहुंचते हैं।
वातानुकूलित सुविधा का भी मिलता है लाभ
एम्स गोरखपुर की ओपीडी, इमरजेंसी के साथ ही आइपीडी पूरी तरह वातानुकूलित है। आइपीडी में भर्ती होने वाले रोगियों को अन्य सरकारी अस्पतालों के मुकाबले ज्यादा सुकून महसूस होता है। मानकों के अनुसार नर्सिंग स्टाफ की तैनाती होने से डाक्टरों से मिले परामर्श के आधार पर उपचार अन्य सरकारी अस्पताल के मुकाबले अच्छा होता है। समय-समय पर नाश्ता व भोजन की सुविधा भी रोगियों को भाती है।
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