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    कॉल डिटेल से मिलेगा फर्जी IAS के सहयोगियों का सुराग, 99.09 लाख रुपये बरामदगी के बाद तेज हुई जांच

    Updated: Tue, 11 Nov 2025 08:24 AM (IST)

    गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर भारी रकम के साथ पकड़े गए व्यापारी से पूछताछ के बाद पुलिस फर्जी आईएएस गौरव कुमार की तलाश कर रही है। गौरव कुमार पर नौकरी और ठेके दिलाने के नाम पर ठगी करने का आरोप है। पुलिस उसके कॉल डिटेल और डिजिटल रिकॉर्ड खंगाल रही है ताकि उसके नेटवर्क का पर्दाफाश हो सके। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले में सफलता मिलेगी।

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    ओएसडी और निजी सचिव लेकर चलता था,कमरे के बाहर पुलिस का पहरा

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। रेलवे स्टेशन पर 99.09 लाख रुपये के साथ पकड़े गए मोकामा के व्यापारी मुकुंद माधव से पूछताछ करने के बाद पुलिस फर्जी आइएएस गौरव कुमार की सरगर्मी से तलाश कर रही है।क्राइम ब्रांच की टीम ने जालसाज के कई संभावित ठिकानों पर छापेमारी की लेकिन सुराग नहीं मिला।अब उसके डिजिटल रिकार्ड, मोबाइल फोन नंबर और काल डिटेल खंगालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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    पुलिस की माने तो फर्जी अधिकारी बनकर ठगी करने वाला यह नेटवर्क बेहद संगठित ढंग से काम करता था। गौरव कुमार ने न केवल सरकारी महकमों में अपने संपर्कों का झूठा दावा किया, बल्कि खुद को 2022 बैच का आइएएस अधिकारी बताते हुए कई लोगों से नौकरी, ठीका दिलाने के नाम पर ठगी की है।गौरव कुमार अपने साथ दो लोगों को ओएसडी और निजी सचिव बताकर रखता था।

    यह दोनों ही लोग उसके संपर्क सूत्र और मध्यस्थ का काम करते थे। जांच कर रही टीम को उम्मीद है कि गौरव कुमार और उसके सहयोगियों की काल डिटेल (सीडीआर) से पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश होगा।एसपी सिटी अभिनव त्यागी के निर्देश पर तकनीकी शाखा की टीम पिछले 48 घंटे से उसके तीन मोबाइल नंबरों की लोकेशन, कॉल लाग और वाट्सएप चैट ट्रेस कर रही है।

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    छानबीन में सामने आया है कि गौरव कुमार कई राज्यों में अलग-अलग नामों से सिम कार्ड का इस्तेमाल करता था। मेडिकल कॉलेज के सामने किराए के जिस कमरे में वह रहता था उसकी निगरानी स्थानीय पुलिस कर रही है। बरामद हुए रुपये से जुड़ा दस्तावेज लेने घर गया मुकुंद माधव अभी तक लौटा नहीं है। एलआइयू की टीम व्यापारी के बैंक खातों और ट्रांजैक्शन की जांच कर रही है।