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गोरखपुर के इस बाईपास पर फर्राटा भरेंगे वाहन, सीएम सिटी से वाराणसी पहुंचना होगा और आसान

गोरखपुर-वाराणसी फोरलेन परियोजना के तहत बड़हलगंज बाईपास पर सरयू पुल के दूसरे लेन पर नए साल से गाड़ियां दौड़ेंगी। पुल के एक लेन पर 18 अप्रैल से ही वाहन चल रहे हैं। दोनों लेन चालू होने से जाम से मुक्ति मिलेगी और मऊ वाराणसी समेत अन्य जिलों का सफर आसान होगा। जो काम बाकी हैं वे भी अगले महीने तक पूरे कर लिए जाएंगे।

By Arun Chand Edited By: Vivek Shukla Updated: Sun, 17 Nov 2024 01:43 PM (IST)
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गोरखपुर वाराणसी फोरलेन परियोजना का काम होने वाला है पूरा। जागरण (सांकेतिक तस्‍वीर)
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोरखपुर-वाराणसी फोरलेन परियोजना के तहत बड़हलगंज बाईपास पर स्थित सरयू पुल के दूसरे लेन पर भी नए साल की शुरूआत से गाड़ियां फर्राटा भरने लगेंगी। एनएचएआइ के अधिक 31 दिसंबर तक इस पुल का निर्माण कार्य पूरा होने का दावा कर रहे हैं।

पुल के एक लेन पर 18 अप्रैल से ही वाहन संचालित हो रहे हैं। दोनों लेन पर आवागमन शुरू हो जाने से जाम से राहत तो मिलेगी ही मऊ, वाराणसी समेत कुछ अन्य जिलों का सफर भी आसान हो जाएगा।

सात साल के लंबे इंतजार के बाद अब जाकर गोरखपुर- वाराणसी फोरलेन परियोजना के तहत गोरखपुर से बड़हलगंज 65.620 किमी तक का निर्माण कार्य पूरा होने के करीब है। सरयू पर पुल का दूसरा लेन भी लगभग तैयार हो गया है। जो काम बाकी हैं, वे भी अगले महीने तक पूरे कर लिए जाएंगे।

कोनी मोड़। जागरण


अभी तक बड़हलगंज बाईपास फोरलेन मार्ग पर पुल का दूसर लेन नहीं बन पाने की वजह से कुछ वाहन, पटना तिराहा, दोहरीघाट पुल होते हुए जाते थे। मार्ग संकरा होने की वजह प्राय: पटना तिराहे पर जाम लग जाता है। लेकिन, अब पुल के दोनों लेन पर वाहनों का संचलन शुरु हो जाने पर इस समस्या से निजात मिल जाएगी।

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दोनों लेन का संचलन शुरू हो जाने से अब सिर्फ बड़हलगंज, दोहरीघाट जाने वाले और उधर से आने वाले लाेग ही पुराने रास्ते से जाएंगे जबकि मऊ और वाराणसी जाने-आने वालों को बड़हलगंज बाईपास का विकल्प मिल जाएगा।

उधर, गोरखपुर-वाराणसी फोरलेन मार्ग के पूरा होने में अभी भी छह मंदिर और मकान बाधा बने हुए हैं। इसे लेकर एनएचएआइ के परियोजना निदेशक ललित प्रताप पाल की ओर से जिला प्रशासन को पिछले महीने यानी अक्टूबर में ही पत्र लिखा गया था लेकिन अभी तक इन बाधाओं को हटाया नहीं जा सका।

एनएचआइ के अधिकारियों का कहना है कि गोरखपुर-बड़हलगंज मार्ग पर अब संबंधित स्थानों पर ही बाधा की वजह से निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है। यदि दस दिसंबर तक इन मंदिर-मकानों को हटाया नहीं गया तो काम करने वाली फर्म अधूरा काम छोड़कर चली जाएगी, जिसके बाद इसे पूरा कराना मुश्किल होगा। उधर, जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश का कहना है कि जल्द ही गतिरोध हटा दिए जाएंगे।

बिस्टौली में धन जारी होने के बाद भी नहीं शिफ्ट हुआ मंदिर

परियोजना निदेशक के मुताबिक बांसगांव के बिस्टौली खुर्द में फोरलेन से सटे दुर्गा मंदिर है। इसे विस्थापित करने के लिए एनएचएआइ की ओर से काफी पहले धन जारी किया जा चुका है। नया मंदिर भी बन चुका है लेकिन, संरक्षक की हट की वजह से पुराने मंदिर से मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा आदि धार्मिक अनुष्ठान पूर्ण कर पुराने मंदिर को खाली नहीं किया जा रहा है। इसकी वजह से 70 मीटर तक दायीं पटरी की सर्विस लेन व नाली का निर्माण कार्य नहीं पूरा हो पा रहा है।

गोला में शिव मंदिर की वजह से थमा काम

गोला तहसील के फरसाड में ग्राम सभा में तहसील प्रशासन की ओर से भूमि उपलब्ध नहीं कराने की वजह से शिव मंदिर का विस्थापन नहीं हो पा रहा है जबकि एनएचएआइ ने धनराशि जारी कर दी है । मंदिर नहीं हटने से यहां भी 10 मीटर तक दायीं पटरी पर सर्विस लेन व नाली का कार्य बाधित है।

वहीं बांसगांव के हाटा बुजुर्ग में मारकंडेय यादव की ओर से मकान का मुआवजा पाने के बाद नया निर्माण कर फोरलेन की जमीन पर पक्का अतिक्रमण कर लिया गया है जिससे 20 मीटर तक सर्विस लेन व नाली निर्माण ठप है।

बांसगांव के ही बैदौली में विभाग की ओर से 5.43 लाख रुपये का मुआवजा एसएलओ विभाग को उपलब्ध कराने के बाद भी संबंधित भू स्वामी ने न तो भुगतान लिया न ही मकान हटाया जिससे 20 मीटर तक सर्विस लेन व ड्रेन का निर्माण कार्य बाधित है।

पेड़ों का स्वामित्व नहीं तय होने से लटका कार्य

बांसगांव तहसील क्षेत्र के ही सोकहना के आराजी संख्या 70 से अर्जित क्षेत्रफल 0.001 हेक्टेयर का अंश निर्धारण बांसगांव तहसील में उपलब्ध नहीं होने और दो सरकारी आम के पेड़ के स्वामित्व को लेकर स्थापित विवाद के कारण 20 मीटर तक सर्विस लेन एवं ड्रेन का निर्माण कार्य बाधित है।

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वहीं सदर तहसील के जंगल सोहास कुंवरी में मुआवजे के प्रतिरोध में स्थानीय भू-स्वामी की ओर से नाली का कार्य रोका गया है, जो बिना प्रशासनिक सहयोग के पूर्ण नहीं कराया जा सकता।

हाईलाइटर

  • मार्ग की लंबाई- 65.620 किमी
  • स्वीकृत लागत- 1030 करोड़
  • अवमुक्त धनराशि- 982.61 करोड़
  • व्यय धनराशि- 972.12 करोड़
  • प्रगति- 65 किमी
  • प्रगति प्रतिशत- 96
  • कार्य प्रारंभ- 10 अप्रैल 2017
  • कार्य पूर्ण करने की अवधि- 31 दिसंबर 2024
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