जागरण का दीपोत्सव: सवा लाख दीपों से सजी शाम, आकाश की आभा भी नयनाभिराम
दैनिक जागरण गोरखपुर के देव दीपावली के शुभ अवसर पर गोरखपुर वासियों को एक अद्भुत नजारा दिखाया। यहां डेढ़ लाख से ज्यादा दीयों की रोशनी से राप्ती तट जगमगा उठा। आकाश में उड़ते आकाशदीप और लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां ने लोगों का मन मोह लिया। सांस्कृतिक पुनर्जागरण के इस पावन पर्व के सैकड़ों लोग साक्षी बनें। इस कार्यक्रम को करने में स्कूल बच्चे भी जुटे हुए थे।
आशुतोष मिश्र, जागरण गोरखपुर। कूड़ाघाट की वयोवृद्ध लक्ष्मी देवी पति सुंदरदास के साथ राप्ती के गुरु गोरक्षनाथ घाट पर पहुंची हैं। दोनों ने यहां लोगों के साथ मिलकर सैकड़ों दीप स्वयं बिछाए हैं। दिन ढलने में कुछ समय शेष है, इसलिए दंपती ने एक बेंच पर स्थान ले लिया है।
वृद्धा के हाथों में पूजा की थाली है, जिसमें घी से पगी बाती वाले पांच दीप हैं। लक्ष्मी देवी उस श्रद्धा, आस्था और उत्साह की प्रतीक हैं, जिसकी त्रिवेणी ने तट को जन ज्वार से भर दिया है। जैसे ही सूर्यदेव ने क्षितिज को छुआ, जन सैलाब के बीच अनगिन दीप आलोकित होने लगते हैं। देखते ही देखते पूरा घाट देव दीपावली के उपलक्ष्य में आयोजित दिव्य दीपोत्सव की झिलमिल आभा से नहा उठता है।
देव दीपावली के अवसर पर दैनिक जागरण के तत्वावधान में राप्ती तट पर आयोजित दीपोत्सव के दौरान जगमगाता गुरु गोरखनाथ घाट। जागरण
इस जगमग के बीच स्वस्फूर्त ढंग से लोगों के घाट पर आने का क्रम जारी है। लोग आ रहे हैं और अपने हिस्से के दीप जला रहे हैं। उत्सवी आलोक में हर ओर उत्साह है। युवा साथियों टोली डा. योगेश सबसे ज्यादा दीप जलाने का दावा ठोक रहे हैं।
इस जगमग के बीच स्वस्फूर्त ढंग से लोगों के घाट पर आने का क्रम जारी है। लोग आ रहे हैं और अपने हिस्से के दीप जला रहे हैं। उत्सवी आलोक में हर ओर उत्साह है। युवा साथियों टोली डा. योगेश सबसे ज्यादा दीप जलाने का दावा ठोक रहे हैं।
देव दीपावली के अवसर पर दैनिक जागरण के तत्वावधान में राप्ती तट पर आयोजित दीपोत्सव के दौरान जगमगाता गुरु गोरखनाथ घाट। जागरण
इसे भी पढ़ें-गोरखपुर में आज इन इलाकों में बाधित रहेगी बिजली आपूर्ति, जल्दी से निपटा लें जरुरी काम दीप जला रहे राहुल तिवारी फोन आने पर सर्वदीप सिंह ''सन्नी'' को अपने पास बुला लेते हैं और उनके हाथों में मोमबत्ती थमा देते हैं। सर्वदीप भी श्रद्धा के साथ दीप जलाने में जुट जाते हैं। हर बीतते पल के साथ दीपोत्सव की भव्यता नव आकार पाती जाती है। भीड़ इसे निहारते हुए आनंद के सागर में उतर आती है। दैनिक जागरण के दीपोत्सव कार्यक्रम में अपनी धर्मपत्नी के साथ दीप प्रज्ज्वलित करते मोमेंटम छात्रसंघ के निदेशक संजीव सिंह।
जगह-जगह मोबाइल कैमरे के फ्लैश चमकते दिखते हैं। कोई साथी से अपनी फोटो खिंचवा रहा है, तो कोई सेल्फी उतार रहा है। कोई इस मनोहारी दृश्य को फेसबुक लाइव के जरिये दूर-दूर तक पहुंचा रहा है, तो कोई रील बना-बनवा रहा है। इस भीड़ में उपस्थित हर चेहरा गर्वित-आनंदित है। दैनिक जागरण के दीपोत्सव कार्यक्रम में पुत्रवधु के साथ प्रज्ज्वलित करते उद्यमी श्याम सुंदर अग्रवाल।
गर्व और आनंद का कारण है वह कीर्तिमान, जिसे उन्होंने सवा लाख दीपों को एक साथ आलोकित कर के स्वयं गढ़ा है। रात गहराने के साथ दीपों का प्रकाश चटख होकर धराधाम के आकर्षण को अद्भुत कर देता है। इसी के साथ दर्जनों आकाशदीप उड़ते हैं और उत्सवी आनंद आकाश को छू लेता है। गुरु गोरक्षनाथ घाट पर दैनिक जागरण द्वारा देव दीपावली पर दीप जलाते विधायक बिपिन सिंह व अन्य। जागरण
इतने में ही लोक गायक राकेश श्रीवास्तव स्वर लहरियां छेड़ते हैं। सरस्वती के साधक स्वर साधना से देवों का आह्वान करते हैं, तो लोग झूम जाते हैं। देवों को बुलाने के बाद मां गंगा को स्तुति के साथ गोरखपुर की गंगा अचिरावती की आराधना का समय आ जाता है। देव दीपावली के अवसर पर दैनिक जागरण की ओर से आयोजित दीपोत्सव के दौरान गोरखनाथ मंदिर की आकृति बनाते छात्र। संगम दूबे
इसे भी पढ़ें-दिव्य रोशनी से जगमगाई राजधानी, दैनिक जागरण ने मनाया भव्य दीपोत्सव भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय, नगर पालिका देवरिया की अध्यक्ष अलका सिंह, पार्षद लाली गुप्ता के साथ लोग राप्ती की आरती उतारने में जुट जाते हैं। अचिरावती के आंचल में अपनी आस्था निवेदित करने के बाद लोक पुन: उत्सव के आनंद में डूब जाता है।देव दीपावली पर दीप प्रज्ज्वलित करते करते लोग। जागरण
दैनिक जागरण द्वारा सांस्कृतिक पुनर्जागरण के पावन प्रयास के इस संस्करण के विश्राम की घोषणा होती है, लेकिन उत्साह भरे जगमग माहौल में लोग अब भी डूबते-उतराते नजर आते हैं। लोग इस अविस्मरणीय ज्योति पर्व की अधिक से अधिक झांकी को मन मानस में सजाने को आतुर हैं, क्योंकि अब यह नयनाभिराम नजारा एक वर्ष बाद ही सृजित होने वाला है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।इसे भी पढ़ें-गोरखपुर में आज इन इलाकों में बाधित रहेगी बिजली आपूर्ति, जल्दी से निपटा लें जरुरी काम दीप जला रहे राहुल तिवारी फोन आने पर सर्वदीप सिंह ''सन्नी'' को अपने पास बुला लेते हैं और उनके हाथों में मोमबत्ती थमा देते हैं। सर्वदीप भी श्रद्धा के साथ दीप जलाने में जुट जाते हैं। हर बीतते पल के साथ दीपोत्सव की भव्यता नव आकार पाती जाती है। भीड़ इसे निहारते हुए आनंद के सागर में उतर आती है। दैनिक जागरण के दीपोत्सव कार्यक्रम में अपनी धर्मपत्नी के साथ दीप प्रज्ज्वलित करते मोमेंटम छात्रसंघ के निदेशक संजीव सिंह।
जगह-जगह मोबाइल कैमरे के फ्लैश चमकते दिखते हैं। कोई साथी से अपनी फोटो खिंचवा रहा है, तो कोई सेल्फी उतार रहा है। कोई इस मनोहारी दृश्य को फेसबुक लाइव के जरिये दूर-दूर तक पहुंचा रहा है, तो कोई रील बना-बनवा रहा है। इस भीड़ में उपस्थित हर चेहरा गर्वित-आनंदित है। दैनिक जागरण के दीपोत्सव कार्यक्रम में पुत्रवधु के साथ प्रज्ज्वलित करते उद्यमी श्याम सुंदर अग्रवाल।
गर्व और आनंद का कारण है वह कीर्तिमान, जिसे उन्होंने सवा लाख दीपों को एक साथ आलोकित कर के स्वयं गढ़ा है। रात गहराने के साथ दीपों का प्रकाश चटख होकर धराधाम के आकर्षण को अद्भुत कर देता है। इसी के साथ दर्जनों आकाशदीप उड़ते हैं और उत्सवी आनंद आकाश को छू लेता है। गुरु गोरक्षनाथ घाट पर दैनिक जागरण द्वारा देव दीपावली पर दीप जलाते विधायक बिपिन सिंह व अन्य। जागरण
इतने में ही लोक गायक राकेश श्रीवास्तव स्वर लहरियां छेड़ते हैं। सरस्वती के साधक स्वर साधना से देवों का आह्वान करते हैं, तो लोग झूम जाते हैं। देवों को बुलाने के बाद मां गंगा को स्तुति के साथ गोरखपुर की गंगा अचिरावती की आराधना का समय आ जाता है। देव दीपावली के अवसर पर दैनिक जागरण की ओर से आयोजित दीपोत्सव के दौरान गोरखनाथ मंदिर की आकृति बनाते छात्र। संगम दूबे
इसे भी पढ़ें-दिव्य रोशनी से जगमगाई राजधानी, दैनिक जागरण ने मनाया भव्य दीपोत्सव भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय, नगर पालिका देवरिया की अध्यक्ष अलका सिंह, पार्षद लाली गुप्ता के साथ लोग राप्ती की आरती उतारने में जुट जाते हैं। अचिरावती के आंचल में अपनी आस्था निवेदित करने के बाद लोक पुन: उत्सव के आनंद में डूब जाता है।देव दीपावली पर दीप प्रज्ज्वलित करते करते लोग। जागरण
दैनिक जागरण द्वारा सांस्कृतिक पुनर्जागरण के पावन प्रयास के इस संस्करण के विश्राम की घोषणा होती है, लेकिन उत्साह भरे जगमग माहौल में लोग अब भी डूबते-उतराते नजर आते हैं। लोग इस अविस्मरणीय ज्योति पर्व की अधिक से अधिक झांकी को मन मानस में सजाने को आतुर हैं, क्योंकि अब यह नयनाभिराम नजारा एक वर्ष बाद ही सृजित होने वाला है।