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त्‍वचा पर काले धब्बे को समझ रहे थे दाग, डॉक्‍टर ने किया चेक; निकला कैंसर

त्वचा पर काले धब्बे को नज़रअंदाज़ न करें यह स्किन कैंसर हो सकता है। गोरखपुर एम्स में एक महिला के नाक पर 20 साल पुराने धब्बे की जांच में बेसल सेल कार्सिनोमा (बीसीसी) की पुष्टि हुई। डॉक्‍टर ने आपरेशन कर इसे निकाल दिया है। अब महिला बिल्‍कुल ठीक हैं। डॉक्‍टर के अनुसार म‍हि‍ला काले धब्‍बे को दाग समझ रही थी जांच करने पर पूरी बात पता चली।

By Durgesh Tripathi Edited By: Vivek Shukla Updated: Sun, 24 Nov 2024 01:58 PM (IST)
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एम्स गोरखपुर की ओपीडी में महिला का हुआ इलाज। जागरण
दुर्गेश त्रिपाठी, जागरण, गोरखपुर। बिहार प्रदेश की रहने वाली 65 वर्षीय महिला की नाक पर तकरीबन 20 वर्ष पहले काले रंग का धब्बा हुआ। पहले तो उन्होंने ध्यान नहीं दिया। कुछ महीनों बाद यह दाग जैसा दिखा तो आसपास के मेडिकल स्टोर से क्रीम लेकर लगाने लगीं। काफी दिनों तक धब्बा छोटा ही रहा।

पिछले साल से यह बढ़ने लगा तो अस्पताल में डाक्टरों को दिखाया लेकिन दवाओं का फायदा नहीं हो रहा था। एम्स गोरखपुर में चर्म रोग विभाग की ओपीडी में महिला पहुंची, तो डॉक्टर ने बेसल सेल कार्सिनोमा (बीसीसी) की आशंका जताई। यह स्किन का कैंसर होता है। चमड़े का नमूना लेकर बायोप्सी कराई गई तो कैंसर की पुष्टि हुई। बीसीसी महिला के चेहरे में अंदर की ओर बढ़ रहा था। आपरेशन कर इसे निकाला गया। अब महिला ठीक हैं।

एम्स गोरखपुर की ओपीडी में पहुंची इस महिला की तरह दो से तीन महीने के अंतराल में एक-दो लोग पहुंच रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या गोरे और ज्यादा देर तक धूप में रहने वालों की है।

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मस्से भी ले सकते हैं कैंसर का रूप

चेहरे पर होने वाले मस्से भी कैंसर का रूप ले सकते हैं। इनकी पहचान का तरीका बहुत सामान्य है। कैंसर से जुड़े मस्से का पूरा रंग एक समान रंग नहीं होता है। इसका रंग भूरा, काला, नीला, सफेद या लाल होता है। सामान्य मस्से आमतौर पर एक ही रंग के होते हैं। यदि मस्से में एक साथ कई रंग हैं या फिर मस्से का रंग हल्का या काला हो गया है तो जांच करा लेनी चाहिए।

महिला की नाक पर ऐसा था कैंसर। जागरण


त्वचा कैंसर के हैं दो प्रकार

  • बेसल सेल कार्सिनोमा (बीसीसी) - मांस के रंग की गोल वृद्धि, मोती जैसी गांठ या त्वचा पर गुलाबी रंग का धब्बा जैसा दिखता है।
  • स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (एससीसी) - लाल, सख्त उभार, पपड़ीदार पैच या घाव जैसा दिखता है। ठीक होने के बाद फिर हो जाता है।
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गोरे, आंखों का रंग हल्का तो खतरा ज्यादा

बीसीसी ज्यादातर गोरी त्वचा वालों में विकसित होता है। गोरा रंग, आंखों का रंग हल्का, सूर्य के प्रकाश में त्वचा झुलसना आदि में इसके होने की आशंका ज्यादा होती है। 40 से 70 वर्ष की आयु वर्ग वालों में यह कैंसर कम आयु वर्ग वालों से दोगुना मिलता है। एससीसी उन त्वचा पर बनती है जो बार-बार सूर्य के संपर्क में आती हैं। जैसे कान के किनारे, चेहरा, गर्दन, हाथ, छाती और पीठ।

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