हाथरस में बन रहा ब्रांडेड कंपनियों का नकली घी, छापेमारी में खुलासा… इनको खाने से कैंसर का खतरा!
UP News - हाथरस में बड़े पैमाने पर नकली घी बनाया जा रहा है जिस पर प्रशासन और खाद्य विभाग ने छापेमारी की। दो स्थानों पर बड़ी मात्रा में नकली घी और ब्रांडेड कंपनियों के पैकिंग मैटेरियल बरामद किए गए। नकली घी से कैंसर हृदय रोग और लिवर-किडनी को नुकसान हो सकता है। खाद्य विभाग को और सक्रिय कार्रवाई करनी चाहिए।
जागरण संवाददाता, हाथरस। हाथरस में बड़े पैमाने पर नकली घी तैयार किया जा रहा है। प्रशासन और खाद्य विभाग की टीम ने शुक्रवार को दो जगहों पर छापेमारी की। इसमें बड़ी मात्रा में नकली घी बरामद किया गया है। मौके से ब्रांडेड कंपनियों का पैकिंग मैटेरियल भी मिला है। जहां घी बनाया जा रहा था, उन दोनों मकानों को सील कर दिया गया है।
जिले भर में नकली देसी घी बनाने का अवैध धंधा भी काफी फल फूल रहा है। दैनिक जागरण कई बार अवैध रूप से बनाए जा रहे नकली घी के गोरखधंधे के बारे में प्रमुखता से प्रकाशित कर चुका है। दो दिन पहले भी मिलावट खोरी, नकली घी, इससे दुष्प्रभावों पर खबर प्रकाशित की थी।
खबर के बाद डीएम राहुल पांडेय के निर्देश पर एडीएम एसएन शर्मा और एसडीएम सदर नीरज शर्मा टीम के साथ जैन गली में पहुंचे। यहां दो स्थानों पर छापा मारकर नकली घी बरामद किया है। उसके सैंपल एकत्रित कर लिए हैं। यहां कुछ ब्रांडेड कंपनियों के रैपर और बॉक्स भी बरामद हुए हैं। यह धंधा दो अलग-अलग मकानों में चल रहा था। टीम ने दोनों मकान सील कर दिए हैं।
नकली घी से कैंसर का खतरा
मिलावटी घी में ट्रांस फैट और अन्य हानिकारक तत्व हो सकते हैं, जो हृदय रोग का खतरा बढ़ा सकते हैं। इससे कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ सकता है, जिससे दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है।
फिजिशियन डॉ. अवधेश ने बताया कि मिलावटी घी में कई बार हानिकारक केमिकल्स और एडिटिव्स का उपयोग किया जाता है, जो कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। मिलावटी घी में मौजूद हानिकारक तत्व लिवर और किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे इन अंगों की फंक्शन पर बुरा असर पड़ सकता है। मिलावटी घी को खाने से त्वचा पर रैशेज, खुजली, और अन्य एलर्जिक रिएक्शन हो सकती हैं। ये स्किन के लिए खराब साबित हो सकता है।
खाद्य विभाग कर रहा गिनी-चुनी कार्रवाई
जिले में मिलावटी खाद्य सामग्री का बाजार बेलगाम होता जा रहा है। शहर सहित जिले के ग्रामीण इलाकों में बड़ी संख्या में नकली खाद्य सामग्री बनाने के अवैध कारखाने संचालित हैं। जिन पर मिलावटी कारोबार का पूरा खेल किया जा रहा है। खासकर सिंथेटिक दूध व मावे का अवैध कारोबार जिले में किया जा है। ग्रामीणों इलाकों में खुलेआम संचालित इन कारखानों पर प्रतिदिन हजारों किलो नकली दूध, पनीर व मावा तैयार कर बेचा जा रहा है, लेकिन खाद्य विभाग आमजन की सेहत से हो रहे खिलवाड़ के प्रति गंभीरता नहीं दिखा रहा है।
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