आइआइटी के स्थापना दिवस पर बोले शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान- यहां की तकनीक और शोध आ रहे समाज के काम
मंगलवार को आइआइटी ने अपना 62 वें स्थापना दिवस समारोह आयोजित किया। जिसमें वर्चुअल जुड़े में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि (आइआइटी) की तकनीक और शोध समाज के काम आ रहे हैं। समारोह में पुरातन छात्रों को किया गया सम्मानित किया गया।

कानपुर, जागरण संवाददाता। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) की तकनीक और शोध समाज के काम आ रहे हैं। कोरोना काल में संक्रमण का आकलन हो या फिर अत्याधुनिक वेंटिलेटर का निर्माण, इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। यह बात शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कही। वह आइआइटी के 62वें स्थापना दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि आनलाइन शामिल हुए। उन्होंने कहा कि संस्थान के विशेषज्ञों ने ड्रोन से दवाएं और वैक्सीन दुर्गम क्षेत्रों में पहुंचाकर सराहनीय कार्य किया है। इसके दूरगामी परिणाम जल्द ही देखने को मिलेंगे। उन्होंने छात्रों और एल्युमिनाई की तारीफ की। स्थापना दिवस आनलाइन और आफलाइन मोड पर आयोजित किया गया। निदेशक प्रो. अभय करंदीकर व बीओजी के चेयरमैन डा. राधाकृष्णन ने एल्युमिनी अवार्ड 1994 बैच के पुरातन छात्र व रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को देकर सम्मानित किया। वह आनलाइन शामिल हुए। 1969 में केमिकल इंजीनियरिंग से बीटेक करने वाले जगजीत सिंह बिंद्रा को इंस्टीट्यूट फेलो का अवार्ड मिला। बिंद्रा यूएसए से जुड़े। समारोह में चंद्रकांता केसवन सेंटर और शिवानी सेंटर का भी उद्घाटन किया गया।
संस्थान में बिताया समय आज भी याद: रेलमंत्री ने कहा संस्थान की लैब में देर रात तक बिताया समय अब तक याद है। सभी प्रोफेसर, खास तौर पर प्रो. सदागोपन आज भी याद हैं। मल्टीमीडिया डेटा बेस मैनेजमेंट सिस्टम के बारे में जानकारी दी थी। तब वह जादू लगता था, अब सब सच हो रहा है। तकनीकी रूप से आगे बढऩे की जरूरत है।
सम्मानित हुए पुरातन छात्र
इंस्टीट्यूट फेलो 2020 - जगजीत सिंह बिंद्रा, प्रो. गौतम विश्वास, प्रो. संतोष कुमार गुप्ता, प्रो. एके मजूमदार,
विशिष्ट एलुमनी अवार्ड - राकेश भार्गव, वर्तिका शुक्ला, हेमंत जालान, अश्विनी वैष्णव, मुकेश बंसल, सौरभ चंद्रा, राहुल गर्ग, प्रो. राजेश कुमार गुप्ता, प्रो. विजय विट्टल, प्रो. अभय ललित देशपांडे, डा. देव जुनेजा।
विशिष्ट सर्विस अवार्ड - प्रदीप भार्गव, कुशाल सचेते
यंग एलुमिनस अवार्ड - डा. प्रतीक जैन, वरुण खेतान
सत्येंद्र के दुबे अवार्ड - कर्नल सिंह

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