कानपुर में सामने आया एलआईसी लोन घोटाला, शातिर दिमाग दो एजेटों ने लगाया 36 लाख का चूना
एलआईसी लोन घोटाले में जिला प्रबंधक ने कानपुर के फीलखाना थाने में दो एजेंटों के खिलाफ कानपुर के फीलखाना थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। थाने में दी हुई तहरीर में 36.27 लाख रूपये के घोटाले का जिक्र है।
By Abhishek VermaEdited By: Updated: Wed, 02 Mar 2022 12:43 PM (IST)
कानपुर;जागरण संवाददाता। कानपुर। एलआइसी लोन घोटाले में अब एलआइसी (भारतीय जीवन बीमा निगम) की तहरीर पर भी मुकदमा दर्ज हो गया है। एलआइसी के जिला शाखा प्रबंधक की तहरीर पर फीलखाना पुलिस ने दो एजेंटों को आरोपित बनाते हुए जांच शुरू कर दी है।
दैनिक जागरण ने पिछले दिनों भारतीय जीवन बीमा निगम में लोन घोटाला को लेकर खबर प्रकाशित की थी। इस प्रकरण में बी ब्लाक सर्वोदय नगर, काकादेव निवासी आशीष विश्नोई की ओर से थाना फीलखाना में अदालत के आदेश से मुकदमा दर्ज कराया गया था। 50 लाख रुपये की बीमा पालिसी में 29.13 लाख रुपये का लोन ले लिया गया था। बाद में एक बैंक में फर्जी खाता खुलवाकर लोन की रकम निकाल ली गई। शुरुआती जांच में लोन घोटाले की राशि 65 लाख रुपये के आसपास बताई गई थी। लेकिन काफी रकम एलआइसी ने आरोपित एजेंट व अन्य दोषियों से वसूल कर ली है।
इस प्रकरण में एलआइसी ने की जिला शाखा के प्रबंधक आलोक शुक्ला ने फीलखाना थाने में तहरीर दी थी। तहरीर में आरोप लगाया गया था कि जिला शाखा कार्यालय के पंजीकृत एजेंट लाल बंगला, राजीव नगर निवासी सुदर्शनपाल और मीरपुर कैंट निवासी आदित्य पाल ने कूटरचित दस्तावेज तैयार करके व बैंकों में फर्जी खाता खुलवाकर एलआइसी को 36.27 लाख रुपये की हानि पहुंचाई है। तहरीर में कहा गया है कि यह घोटाला कितने का है, इसकी जांच के लिए पुलिस की विवेचना जरूरी है। अनुमान है कि घोटाला और भी बड़ा हो सकता है, इसीलिए एलआइसी ने उन सभी पालिसी धारकों को पत्र भेजकर पूछा है, जिन्होंने लोन लिया है। पुलिस ने इस मामले में पुलिस आयुक्त के आदेश से जांच की और मामला सही पाया गया। फीलखाना थाना प्रभारी वीरपाल सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
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