मोबाइल फोन चोरी कर बेकरी संचालक के खाते से उड़ाए 2 लाख रुपये, आधार नंबर से बनाया था यूपीआई
एक बेकरी संचालक का मोबाइल फोन चोरी हो गया। चोरों ने आधार नंबर का इस्तेमाल कर यूपीआई बनाया और खाते से 2 लाख रुपये निकाल लिए। पुलिस मामले की जांच कर रही है और अपराधियों को पकड़ने की कोशिश कर रही है।

जागरण संवाददाता, कानपुर। बर्रा में बेकरी संचालक से ठगी हो गई। ठग ने पहले दुकान से मोबाइल फोन चोरी किया। इसके बाद उनके आधार के जरिए यूपीआइ जेनरेट करके 12 बार में खाते से 2.02 लाख रुपये पार कर दिए। मोबाइल फोन चोरी की आनलाइन रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद दोबारा सिम एक्टिव करने पर आए मैसेज से उन्हें धोखाधड़ी का पता चला। उन्होंने पुलिस से शिकायत की है।
बर्रा साउथ निवासी रवींद्र बाबू सचान की घर के पास ही बेकरी है। रवींद्र के मुताबिक पांच नवंबर को उनका मोबाइल फोन काउंटर से चोरी हो गया था। सीसी कैमरे में चोर के कैद होने के बाद भी पुलिस ने उनकी नहीं सुनी तो आनलाइन रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
इसके बाद पुराना सिम बंद कराकर नया जारी करवा लिया। सात नवंबर को सिम एक्टिवेट किया तो खाते से एक रुपये निकलने का मैसेज आया, जिस पर उन्होंने ध्यान नहीं दिया। नौ नवंबर को वह घाटमपुर एक रिश्तेदार के यहां तेरहवीं संस्कार में गए थे। वहां से लौटते वक्त एक के बाद एक कई मैसेज आए।
देखा तो उनके कर्रही रोड स्थित बड़ौदा ग्रामीण बैंक के खाते से 20-20 हजार रुपये निकलने के मैसेज थे। अगले दिन सुबह बैंक पहुंचने से पहले भी खाते से रुपये ट्रांसफर किए गए। इसके बाद बैंक पहुंचने पर पता चला कि उनके खाते से 12 बार में कुल 2.02 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे, जबकि न तो उनका कोई यूपीआइ था और न ही एटीएम कार्ड ले रखा है।
इस पर बैंक कर्मियों ने बताया कि पांच नवंबर को उनके आधार कार्ड के जरिए यूपीआइ जेनरेट करके खाते से रुपये निकाले गए हैं। बर्रा थाना प्रभारी रवींद्र श्रीवास्तव ने बताया कि पीड़ित की शिकायत लेकर साइबर सेल की मदद से रुपये वापस दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। फुटेज के जरिए आरोपित की भी तलाश की जा रही है।
मोबाइल फोन पर दस्तावेज सुरक्षित करें तो सावधानी से
पीड़ित रवींद्र आधारकार्ड सहित तमाम जरूरी दस्तावेज मोबाइल फोन पर सुरक्षित किए थे। यही उनके लिए मुसीबत बना। आरोपित ने आधारकार्ड के जरिए उनकी कमाई उड़ा दी। साइबर सेल के विशेषज्ञों के मुताबिक अगर आप मोबाइल फोन में कोई दस्तावेज सुरक्षित कर रहे हैं तो उन्हें इस तरह से रखें कि मोबाइल फोन चोरी होने या खोने पर आसानी से अपराधियों के हाथ न लगे। इन दस्तावेजों का दुरुपयोग हो सकता है।

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