CJI बीआर गवई कौशांबी में बोले- बच्चे देश के भविष्य हैं, कल का भारत कैसा बनेगा, यह उन्हीं पर है निर्भर
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई ने कौशांबी में कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं और कल का भारत कैसा होगा, यह उन पर निर्भर करता है। उन्होंने महात्मा गौतम बुद्ध की धरती कौशांबी में शांति, करुणा और दया के संदेश का पालन करने का आह्वान किया। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर जोर दिया और कहा कि देश के संविधान में 14 साल तक के बच्चों को मुफ्त शिक्षा का अधिकार है।

कोशांबी के मूरतगंज में महेश्वरी प्रसाद इंटर कालेज के वार्षिकोत्सव में बोलते सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई। जागरण
जागरण संवाददाता, कौशांबी। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई ने कहा कि हमें अपनी मिट्टी से हमेशा जुड़ाव रखना चाहिए। कौशांबी भगवान महात्मा गौतम बुद्ध की धरती है। उन्होंने यहां से शांति, करुणा एवं दया का संदेश दिया, आज यह धरती उसी मार्ग पर चलते हुए प्रगति के पथ पर है।
कालेज के वार्षिकोत्सव में शामिल हुए
उन्होंने बच्चों के विकास और शिक्षा को केंद्रित करते हुए कहा कि बच्चे ही इस देश के भविष्य हैं। कल का भारत कैसा बनेगा, यह उन्हीं पर निर्भर है। वह कौशांबी स्थित महेश्वरी प्रसाद इंटर कालेज के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
बच्चों के उज्ज्वल भविष्य निर्माण में मनोयोग से योगदान दें
सीजेआइ ने शिक्षा पर विशेष जोर देते हुए कहा कि देश के संविधान में 14 साल तक के बच्चों को मुफ्त शिक्षा का अधिकार प्राप्त है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे मौलिक अधिकार माना है, इसी संदर्भ पर शिक्षकों का आह्वान करते हुए कहा कि आप ही बच्चों को आगे बढ़ाएंगे, यह आप सभी की जिम्मेदारी है कि बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण में मनोयोग से अपना योगदान दें।
बच्चों की प्रस्तुतियों की सीजेआइ ने की सराहना
सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई ने बच्चों की प्रस्तुतियों को देखा, खासकर धरती माता को लेकर प्रस्तुत की गई लघु नाटिका की सराहना की। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली एवं कालेज के संरक्षक एवं सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश विक्रमनाथ समेत कई विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे।

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