Health Tips हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के साथ एक और बीमारी भी तेजी से बढ़ रही है। ये अहम जानकारी केजीएमयू में इंडोक्राइन सर्जरी विभाग के अध्यक्ष प्रो. आनंद मिश्र ने दी। उनका कहना है कि खराब दिनचर्या फास्टफूड व बंद पैकेट वस्तुओं के अधिक सेवन से कम उम्र के लोग भी इस रोग से ग्रस्त हो रहे हैं।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। Health Tips: हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के साथ थायराइड की बीमारी भी तेजी से बढ़ रही है। इसकी मुख्य वजह खराब दिनचर्या, फास्टफूड व बंद पैकेट वस्तुओं का अधिक सेवन है। यही वजह है कि कम उम्र के लोग इस रोग से ग्रस्त हो रहे हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 10 में तीन व्यक्ति थायराइड की चपेट में हैं। ये अहम जानकारी केजीएमयू में इंडोक्राइन सर्जरी विभाग के अध्यक्ष प्रो. आनंद मिश्र ने दी। वह विभाग की ओर से आयोजित कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।
प्रो. आनंद मिश्र ने बताया कि कुछ लोगों में थायराइड ग्रंथि बढ़ जाती है, जिसे घेंघा कहा जाता है। वर्तमान में इस रोग को लेकर जागरूकता बढ़ी है। यही वजह है कि ज्यादातर मरीज बीमारी की शुरुआत में ही पहुंच रहे हैं।
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रोबोटिक सर्जरी
समय से इलाज शुरू करने से रोग को नियंत्रित करने में मदद मिल रही है। इन दिनों थायराइड ग्रंथि का रोबोटिक सर्जरी के जरिए उच्चस्तरीय उपचार किया जा रहा है। दरअसल, दूसरी विधि से सर्जरी करने के लिए गर्दन पर लंबा चीरा लगाया जाता है। निशान के डर से महिलाएं सर्जरी कराने से परहेज करती हैं। इसलिए ज्यादातर मरीज इंडोस्कोप विधि से सर्जरी कराना चाहते हैं।
प्रो. मिश्र के मुताबिक, सभी मरीजों को रोबोटिक सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती, जो आपरेशन इंडोस्कोप तकनीक से संभव नहीं है उन्हें ही रोबोट से करते हैं।
साल में दो बार कराएं थायराइड की जांच
डा. कुलरंजन ने बताया कि थायराइड के शुरुआती लक्षण में ग्रंथि बढ़ने से गर्दन में लक्षण दिखने लगता है। दर्द के साथ सूजन भी होती है। घबराहट और धड़कन तेज चलने की शिकायत होती है।
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भूख बढ़ना, हाथ कांपन भी थायराइड के लक्षण
कुछ मरीजों में वजन बढ़ने तो कई के वजन कम होने लगते हैं। भूख बढ़ना, हाथ कांपन भी थायराइड के लक्षण हो सकते हैं। लिहाजा, 40 साल की उम्र के बाद अगर गैस बने तो थायराइड की जांच जरूर कराएं।
जिन लोगों में बीमारी गंभीर होने लगती है उन्हें अनियमित मासिक धर्म, जोड़ों या मांसपेशियों में दर्द, चेहरे पर पीलापन या शुष्क त्वचा, अवसाद की शिकायत होती है। वहीं, आस्ट्रेलिया के इंडोक्राइन सर्जन डा. जेम्स ली ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से इंडोक्राइन सर्जरी बेहद आसान हो गई है।
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