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UP News: मुठभेड़ में घायल बदमाश की मौत, पत्नी ने लगाया अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप

लखनऊ में 22 अक्टूबर की रात हुई पुलिस मुठभेड़ में घायल हुए कुख्यात अपराधी कमलेश तिवारी की शुक्रवार को केजीएमयू में मौत हो गई। पुलिस की गोली लगने के बाद से उसका इलाज चल रहा था। पत्नी का आरोप है कि सही ढंग से इलाज नहीं हुआ जिससे कमलेश की मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इंफेक्शन फैलने से मौत की पुष्टि हुई है।

By Jitendra Kumar Upadhyay Edited By: Abhishek Pandey Updated: Sun, 17 Nov 2024 01:28 PM (IST)
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मुठभेड़ में घायल बदमाश की मौत, पत्नी ने लगाया अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप
जागरण संवाददाता, लखनऊ। भिठौली के पास 22 अक्टूबर की रात पुलिस मुठभेड़ में घायल हुए 26 वर्षीय बदमाश कमलेश तिवारी की शुक्रवार को केजीएमयू गांधी वार्ड में मौत हो गई। बाएं पैर में पुलिस की गोली लगने के बाद से ही उसका इलाज चल रहा था।

पत्नी रूमी तिवारी का आरोप है कि सही ढंग से इलाज नहीं हुआ, जिसकी वजह से कमलेश की तबीयत बिगड़ गई। मौत के बाद पुलिस ने तत्काल पोस्टमार्टम कराया और शव का अंतिम संस्कार करा दिया। वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इंफेक्शन फैलने से मौत होने का पता चला है।

ठाकुरगंज के ब्राह्मणी टोला दौलतगंज स्थित आनंदी माता मंदिर के पास रहने वाले कमलेश तिवारी के खिलाफ बाजारखाला, मोहनलालगंज, दुबग्गा, पारा, तालकटोरा, महानगर, जानकीपुरम, नाका, कृष्णानगर, गाजीपुर, चौक, ठाकुरगंज, पीजीआइ और अलीगंज थाने में लूट, गैंगस्टर एक्ट, आर्म्स एक्ट और वाहन चोरी के 32 मामले दर्ज थे। 21 अक्टूबर को कमलेश ने साथी वजीरगंज निवासी अब्बास के साथ मिल कर जानकीपुरम में रास्ता पूछने के बाद शैलबाला से चेन लूटी थी। पुलिस बदमाशों को तलाश रही थी।

22 अक्टूबर को हुई थी मुठभेड़

लुटेरों की करतूत सीसी कैमरे में कैद हुई थी। 22 अक्टूबर की रात इंस्पेक्टर जानकीपुरम उपेंद्र सिंह, इंस्पेक्टर मड़ियांव शिवानंद मिश्र और डीसीपी उत्तरी की क्राइम टीम के प्रभारी विश्वनाथ प्रताप सिंह टीम के साथ जानकीपुरम भिठौली क्रासिंग के पास चेकिंग कर रहे थे।

इसी दौरान स्कूटी सवार बदमाशों को रुकने का इशारा किया। यह देख बदमाश कमलेश ने पुलिस टीम पर फायरिंग की थी। जवाबी कार्रवाई में उसके बाएं पैर में गोली लगने से वह घायल हुआ था। पत्नी रूमी तिवारी ने बताया कि तीन नवंबर को कमलेश का केजीएमयू में आपरेशन हुआ था। इसके बाद से ही उसकी तबीयत खराब थी। आरोप है कि इलाज में लापरवाही बरते जाने की वजह से कमलेश की मौत हुई है।

दो करोड़ की आक्सीटोसिन बरामद, मुकदमा

राजकीय रेलवे पुलिस चारबाग की टीम ने करीब दो करोड़ की प्रतिबंधित आक्सीटोसिन ड्रग बरामद की है। यह ड्रग रेलवे पार्सल के जरिये बिहार से लखनऊ जंक्शन लाई गई थी। इसे छपरा निवासी संतोष सिंह के नाम से भेजा गया था और जिसे यह जाना था उसका नाम सीतापुर निवासी रामलोटन दर्शाया गया है। इसे किसी ने लिया नहीं है। जीआरपी ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।

जीआरपी चारबाग के निरीक्षक मुकेश सिंह ने बताया कि सूचना मिली थी कि 15053 छपरा-लखनऊ जंक्शन एक्सप्रेस से प्रतिबंधित आक्सीटोसिन ड्रग के 43 पैकेट अवैध रूप से लाए जा रहे हैं। इसमें से पांच पैकेट पार्टी लेकर चली गई है। जीआरपी टीम ने दोपहर दो बजे पार्सल घर की चेकिंग की। इस दौरान 38 पैकेट मिले, जिसका लेने वाला कोई नहीं था। दोपहर तीन बजे वाणिज्य अधीक्षक संजीव चौधरी से विवरण निकलवाया गया।

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