'दोनों हाथ-पैर और कमर में...', सिपाही की करतूत से DCP का दिमाग हुआ गर्म; तुरंत कर दिया निलंबित
मजदूरी करने वाले रोहित तिवारी को पुलिस ने मोबाइल चोरी के आरोप में थर्ड डिग्री दी। आरोप है कि पीजीआई थाने के सिपाही आशुतोष सिंह ने लोहे की रॉड से पिटाई कर चोरी कबूलने का दबाव बनाया। घायल रोहित को रातभर लॉकअप में रखा और शांति भंग के आरोप में चालान कर छोड़ा। मामला वायरल होने पर डीसीपी ने आरोपी सिपाही को निलंबित कर जांच के आदेश दिए हैं।
संवाद सूत्र, लखनऊ। मजदूरी कर परिवार चला रहे युवक को पुलिस ने मोबाइल चोरी के आरोप में थर्ड डिग्री दी। चोरी की बात कबूलने का दबाव बनाया। भुक्तभोगी की शिकायत और इंटरनेट मीडिया पर पीड़ित का आरोप वायरल होने पर डीसीपी ने आरोपी सिपाही आशुतोष सिंह को निलंबित कर एसीपी कैंट को दिए जांच के आदेश दे दिए हैं।
भुक्तभोगी रोहित तिवारी ने बताया कि वह शटरिंग कारीगर है। आरोप लगाया कि पीजीआइ पुलिस लोहे की राड से दिया थर्ड डिग्री देकर जबरन मोबाइल चोरी कबूलने के लिए दबाव बना रही थी। घायल होने के बाद रात भर लाकर में रखा और सुबह शांति भंग के आरोप में चालान कर कर कर छोड़ा।
क्या बोला भुक्तभोगी?
भुक्तभोगी ने बताया कि बुधवार शाम को पीजीआइ थाने से फोन पर मोबाइल चोरी के मामले में फैजुल्लागंज मेरे घर पूछताछ करने के लिए पुलिसकर्मी पहुंचे। उस समय मैं वहां मौजूद नहीं था। गर्भवती पत्नी से पुलिस कर्मियों ने जानकारी मांगी। घर के अंदर घुस गए। मुझे वहां बुलाया गया पुलिस कर्मियों ने मुझसे पूछताछ की और कुछ देर बाद मुझे वहीं पर छोड़ दिया।दो-तीन घंटे बाद पीजीआइ की वृंदावन चौकी से फोन आया कहा कि तुरंत वृंदावन चौकी आओ मैं पहुंचा तो वहां मौजूद पुलिस कर्मी आशुतोष सिंह ने एक लड़के के कहने पर मुझे चोरी में फंसाने का प्रयास किया। पुलिसकर्मी से कहता रहा कि मैंने मोबाइल नहीं चोरी किया फिर सिपाही ने मुझे वृंदावन चौकी के अंदर बने कमरे में ले गए और मुझे लोहे की राड से पीट-पीट कर बेसुध कर दिया।
कुछ देर बाद पीजीआई थाने के लाकअप में डाल दिया गया। देर शाम मेरी पत्नी वंदना जो कि आठ महीने की गर्भवती है उसके साथ भी पुलिस ने नाराजगी जताते हुए थाने से भगा दिया। उसके साथ भी धक्का मुक्की की। हेड कांस्टेबल ने कई बार मोबाइल चोरी को लेकर पूछताछ की। जब मैं मना करता तो मुझे लोहे की राड से बार-बार चोरी कबूल करने का दबाव बना कर पीटते रहे। मेरे दोनों हाथ, पैर, कंधे और कमर में लोहे की राड के मारने के चलते खून के थक्के बन गए हैं।
इंस्पेक्टर पीजीआइ रवि शंकर त्रिपाठी ने बताया कि चोरी की तहरीर आई थी, सिपाही आशुतोष सिंह ने जांच के लिए अभिषेक और रोहित को बुलाया गया था। दोनों युवक एक-दूसरे पर आरोप लगाकर मारपीट करने लगे, जिसके बाद पुलिस ने दोनों को पकड़ कर 151 की कार्रवाई की।
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