शाहीन के घरवालों के बारे में पड़ोसियों ने बताई हैरान करने वाली बात, परवेज ने कुछ दिन पहले ही भेजा था इस्तीफा
दिल्ली में लाल किले के पास धमाके के बाद, सुरक्षा एजेंसियां आतंकी नेटवर्क की तलाश में जुटी हैं। लखनऊ में डॉ. शाहीन के भाई परवेज और सहारनपुर में डॉ. आदिल के संबंधियों के घरों पर छापे मारे गए। डॉ. परवेज ने हाल ही में नौकरी से इस्तीफा दिया था। पुलिस ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ जारी है।

जागरण टीम, लखनऊ। दिल्ली में लाल किले के पास सोमवार को धमाके के बाद देश भर में आतंकियों के नेटवर्क की तलाश तेज हो गई है। जांच एजेंसियों ने डॉ. शाहीन के भाई परवेज और डॉ. आदिल के तीन परिचितों सहित चार लोगों को हिरासत में लिया है। एटीएस और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लखनऊ में डॉ. शाहीन के भाई डॉ. परवेज, उसके पैतृक आवास व सहारनपुर में डॉ. आदिल के संबंधियों के घर छापेमारी की है।
सात नवंबर को ही ई-मेल के माध्यम से इस्तीफा भेजा
डॉ. शाहीन का भाई डॉ. परवेज लखनऊ के इंटीग्रल मेडिकल कालेज में सीनियर रेजिडेंट के पद पर तैनात था। डाक्टर परवेज अंसारी ने बीते सात नवंबर को ही ई-मेल के माध्यम से इस्तीफा भेजा था। कालेज के साथियों ने उसके इस्तीफे की वजह जानने का प्रयास किया तो इतना बताया कि किसी मेडिकल कालेज में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर चयन होने के कारण इस्तीफा दिया है।
सहारनपुर में हिरासत में लिए गए लोगों में एक देवबंद का है और दो शहर के अलग-अलग इलाकों के रहने वाले हैं। फरीदाबाद में सोमवार को दिल्ली धमाके से पहले एके 47 और विस्फोटक सामग्री के साथ जम्मू कश्मीर पुलिस ने लखनऊ की मूल निवासी डॉ. शाहीन व सहारनपुर के डॉ. आदिल को गिरफ्तार किया था। दोनों से पूछताछ के बाद मिली जानकारियों के आधार पर डॉ. परवेज को भी हिरासत में ले लिया गया। उससे पूछताछ चल रही है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, इंटीग्रल मेडिकल कालेज के साथी डाक्टरों ने बताया कि परवेज अंसारी ने एरा मेडिकल कालेज से एमबीबीएस किया था। इसके बाद उसका चयन आगरा के मेडिकल कालेज में हो गया जहां वह एमडी की पढ़ाई करने चला गया।
2015 में उसकी पढ़ाई पूरी हुई तो उसने 23 जुलाई वर्ष 2015 को आगरा के सरोजनी नायडू अस्पताल में नौकरी शुरू कर दी। यहां चार नवंबर 2016 में इस्तीफा दे दिया। मई 2018 में सहारनपुर के शेखूहिल मेडिकल कालेज में नौकरी शुरू कर दी है। पांच माह बाद ही परवेज ने अक्टूबर में वहां से भी इस्तीफा दे दिया।
कोविड के दौरान वह सहारनपुर में रहा और वहीं की एक लड़की से शादी की थी। कोविड के बाद 16 जुलाई वर्ष 2021 में इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में बतौर सीनियर रेजिडेंट के ज्वाइन किया। मंगलवार को जांच टीमों ने कैसरबाग के खंदारी बाजार और आइआइएम रोड के मुत्तकीपुर में दोनों के मकानों को खंगाला।
जांच टीम लैपटाप, दस्तावेज, मोबाइल, पेन ड्राइव और अन्य सामान अपने साथ लेकर गई है। कानपुर में जीएसवीएम मेडिकल कालेज में एटीएस टीम ने प्राचार्य संजय काला से डॉ. शाहीन के बारे में जानकारी ली।
कई वर्षों से लखनऊ नहीं आई शाहीन
शाहीन मूल रूप से कैसरबाग के खंदारी बाजार हाता स्थित मकान नंबर 121 में अपने परिवार के साथ रहती थी। उसके पिता सईद अंसारी वन विभाग से सेवानिवृत्त हैं, जबकि मां का निधन काफी पहले हो चुका है। फिलहाल उसके पिता सबसे बड़े बेटे शोएब के साथ इसी घर में रह रहे हैं, जो ट्यूशन पढ़ाता है। शाहीन कई वर्षों से लखनऊ नहीं आई थी। परवेज के पड़ोस में रहने वाले दानिश ने बताया कि इनका परिवार किसी से बात नहीं करता था। नमाज पढ़ने के बाद घर चले जाते थे।
सहारनपुर में डॉ. आदिल अहमद राथर के संपर्क में आने वाले जिले के तीन संदिग्ध लोगों को एटीएस और एसटीएफ ने उठाया है। करीब 15 लोगों से पूछताछ की जा रही है। इनमें आठ लोग वह हैं, जो रोजाना आदिल के घर पर मिलने के लिए आते थे।
इसके अलावा डॉ. बाबर, डॉ. असलम जैदी, डॉ. अताउर्रहमान और आरिफ एटीएस की निगरानी में हैं। फेमस मेडिकेयर हास्पिटल में तैनात आदिल को श्रीनगर पुलिस ने छह नवंबर को सहारनपुर से गिरफ्तार किया था। इंटरनेट पर इन सबके अकाउंट को भी खंगाला जा रहा है। आरिफ पर कोतवाली मंडी थाने में आपराधिक मुकदमे भी दर्ज हैं।
सहारनपुर के एसएसपी आशीष तिवारी ने बताया कि एटीएस और एसटीएफ कुछ संदिग्ध लोगों से पूछताछ कर रही है। जम्मू-कश्मीर पुलिस की पूरी तरह सहायता की जाएगी। उधर, हापुड़ के पिलखुआ में एटीएस के छापे की सूचना फैलने के बाद एक व्यक्ति के घर पुलिस पहुंच गई। बाद में पुलिस ने इसे अफवाह करार दिया।
पांच लाख कमाने वाला रहता था मलिन बस्ती में
डॉ. आदिल करीब दो साल से सहारनपुर में था। पुलिस ने बताया कि पांच लाख मासिक वेतन पाने वाला डॉ. आदिल मलिन बस्ती अमन विहार के निकट आसमां मस्जिद वाली गली में किराए के मकान में रहता था। यह मकान एकांत में है। यहां रोजाना रात में आठ लोग उससे मिलने आते थे। डॉ. बाबर ने यह किराए पर दिलाया था। डॉ. आदिल रात में यहां आता था और सुबह दस बजे चला जाता था। आदिल इस कालोनी में करीब सात माह से रह रहा था।

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