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UP News: माफिया बबलू श्रीवास्तव को झटका, राज्‍यपाल ने खार‍िज की पूर्व र‍िहाई की दया याचिका

माफिया ओम प्रकाश श्रीवास्तव उर्फ बबलू श्रीवास्तव की समय पूर्व रिहाई की दया याचिका को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अस्वीकार कर दिया दिया है। बबलू को टाडा एक्ट के तहत विशेष अदालत ने अपर कस्टम कलेक्टर एलडी अरोड़ा की हत्या के मामले में 30 सितंबर 2008 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने भी 25 जनवरी 2011 को बबलू की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा था।

By Manoj Kumar Tripathi Edited By: Vinay Saxena Updated: Thu, 07 Nov 2024 03:46 PM (IST)
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बरेली के केंद्रीय कारागार में बंद है माफ‍िया बबलू।- सांकेत‍िक तस्‍वीर
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। माफिया ओम प्रकाश श्रीवास्तव उर्फ बबलू श्रीवास्तव की समय पूर्व रिहाई की दया याचिका को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अस्वीकार कर दिया दिया है। दया याचिका समिति ने भी लखनऊ के निराला नगर निवासी बबलू की दया याचिका को खारिज कर शासन को अपनी रिपोर्ट भेज दी है।

बबलू को टाडा एक्ट के तहत विशेष अदालत ने अपर कस्टम कलेक्टर एलडी अरोड़ा की हत्या के मामले में 30 सितंबर 2008 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उच्चतम न्यायालय ने भी 25 जनवरी 2011 को बबलू की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा था। वर्तमान में 59 वर्षीय बबलू बरेली के केंद्रीय कारागार में बंद है। 

पढ़ाई के दौरान ही बबलू ने अपराध की दुनिया में रखा कदम

लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान ही बबलू ने अपराध की दुनिया में कदम रखा था। कुछ समय बाद उसके संपर्क बड़े माफिया से बन गए थे। 24 मार्च 1993 को बबलू ने अपने दो साथियों के साथ शाम करीब सवा सात बजे प्रयागराज में अपर कस्टम कलेक्टर एलडी अरोड़ा की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिस समय उन्हें गोलियां मारी गईं, उस समय वह कार्यालय से लौटकर अपने घर के बाहर कार खड़ी कर रहे थे। इसके बाद बबलू फरार हो गया था। उसे मारीशस से गिरफ्तार किया गया था।

कानपुर स्थित टाडा की विशेष अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। नौ मार्च 2024 तक बबलू 34 वर्ष 12 दिन की सपरिहार सजा काट चुका है। 

पूर्व र‍िहाई के ल‍िए लगाई थी दया याच‍िका

बबलू ने समय पूर्व रिहाई के लिए दया याचिका लगाई थी। लखनऊ के जिला मजिस्ट्रेट व पुलिस उपायुक्त की समिति ने उसकी दया याचिका को खारिज कर अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी थी। इसके आधार पर राज्यपाल ने भी उसकी दयायाचिका को अस्वीकार कर दिया है। इस संदर्भ में संयुक्त सचिव शिव गोपाल सिंह ने पुलिस महानिदेशक, कारागार प्रशासन को पत्र लिखकर केंद्रीय कारागार बरेली को भी सूचित करने के निर्देश दिए हैं।

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