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14 दिन में पूरी करनी होगी जांच, पुलिस मुख्यालय ने तैयार की नई SOP; डीजीपी ने कड़ाई से पालन के दिए निर्देश

अब तीन से सात वर्ष तक की सजा वाले आपराधिक मामलों की प्रारंभिक जांच पुलिस को 14 दिनों के भीतर पूरी करनी होगी। पुलिस मुख्यालय ने इस संदर्भ में मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाई है जिसका पालन सभी पुलिस अधिकारियों को करना होगा। डीजीपी प्रशांत कुमार ने एसओपी का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं और नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।

By Manoj Kumar Tripathi Edited By: Aysha Sheikh Updated: Fri, 08 Nov 2024 07:57 PM (IST)
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पुलिस मुख्यालय ने तैयार की नई SOP - प्रतीकात्मक तस्वीर।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। तीन से सात वर्ष तक की सजा वाले आपराधिक मामलों की प्रारम्भिक जांच अब पुलिस को 14 दिनों के भीतर पूरी करनी होगी। पुलिस मुख्यालय ने इस संदर्भ में मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाई है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने सभी जिलों की पुलिस अधिकारियों को ''''एसओपी'''' का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि ''''एसओपी'''' का पालन न करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

नई व्यवस्था के अनुसार आपराधिक घटना की सूचना मिलने पर थाना प्रभारी पुलिस उपाधीक्षक से ऊपर के स्तर के अधिकारी की अनुमति के बाद प्रारम्भिक जांच शुरू कर सकता है, लेकिन यह जांच 14 दिनों के अंदर पूरी करनी होगी।

यह व्यवस्था भी की गई है कि किसी भी घटना की सूचना मिलने पर थाना प्रभारी तथ्यों को बदले बिना सूचना को जनरल डायरी में अंकित करेगा। साथ ही पर्यवेक्षणीय अधिकारी से जांच की स्वीकृति लिखित में प्राप्त करेगा। यदि 24 घंटे के भीतर जांच की अनुमति नहीं मिलती है तो एफआईआर दर्ज की जाएगी।

यह व्यवस्था भी की गई...

यह व्यवस्था भी की गई है कि जांच की अनुमति मिलने के बाद थाना प्रभारी या तो स्वयं अथवा उपनिरीक्षक स्तर से ऊपर के अधिकारी से मामले की जांच करवा कर यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रथम दृष्टया संज्ञेय मामला बनता है या नहीं। अगर मामला नहीं बनता है तो सूचना देने वाले को इसकी जानकारी दी जाएगी।

यदि प्रारम्भिक जांच 14 दिन के भीतर पूरी नहीं होती है तो बिना किसी विलंब के आफआईआर दर्ज की जाएगी। साथ ही जांचकर्ता को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। वहीं तकनीकि सेवा मुख्यालय की तरफ से निर्धारित प्रारूप में डिजिटल मोड में सूचना संकलित करने की व्यवस्था की जाएगी। अपर पुलिस अधीक्षक माह में एक बार व क्षेत्राधिकारी सप्ताह में एक बार प्रारम्भिक जांचों की समीक्षा करेंगे।

बलरामपुर पुलिस प्रदेश में लगातार चौथी बार अव्वल

बलरामपुर : जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायतों के निस्तारण में जिले की पुलिस ने लगातार चौथे माह में भी प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। प्रदेश स्तर से शिकायतों के निस्तारण के मासिक मूल्यांकन की रिपोर्ट जारी की। इसमें जिले के सभी थानों ने सौ फीसद निस्तारण कर प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने बताया कि जनसुनवाई पोर्टल पर प्राप्त प्रार्थना पत्रों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किया गया।

साथ ही शिकायतकर्ताओं से मिले फीडबैक व प्रार्थना पत्रों के आनलाइन फीडिंग आदि मानकों पर जिले के सभी 16 थाने शतप्रतिशत खरे उतरे। इससे पहले जुलाई, अगस्त व सितंबर में भी प्रदेश में पहले स्थान पर थे। अक्टूबर में जारी रैंकिंग में भी पहला स्थान बरकरार रहा। इसके लिए सभी थाना प्रभारियों व आइजीआरएस शाखा में तैनात अधिकारी व कर्मचारियों को पुरस्कृत किया जाएगा।

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