यूपी के स्कूलों के लिए आ गया नया फरमान, सभी को लगाना होगा ऐसा 'Photo Frame'; वरना होगी कार्रवाई
परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की जानकारी प्रदर्शित करने के लिए हमारे शिक्षक फोटो फ्रेम लगाने के आदेश पर अब तक अमल नहीं हो सका है। प्रति शिक्षक 150 रुपये की धनराशि मार्च में ही भेजी गई थी लेकिन अब तक जिलों से इस संबंध में पूर्ण जानकारी नहीं मिली। फोटो फ्रेम लगाने का उद्देश्य निरीक्षण के दौरान शिक्षकों की पहचान आसान बनाना और उनकी उपलब्धियों को प्रदर्शित करना है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में हमारे शिक्षक फोटो फ्रेम लगाने से जिम्मेदार कतरा रहे हैं। बार-बार पत्र लिखने के बावजूद जिलों से इसकी ढंग से जानकारी नहीं दी जा रही है।
हमारे शिक्षक फोटो फ्रेम लगाए जाने का मकसद निरीक्षण के दौरान अधिकारी विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों के बारे में जानकारी आसानी से ले सकें। वहीं अभिभावक व अन्य लोगों को इनकी उपलब्धियों के बारे में जान सकें।
विद्यालयों को भेजी गई धनराशि
अब स्कूली शिक्षा महानिदेशालय की ओर से इन सभी विद्यालयों से हमारे शिक्षक फोटो फ्रेम लगाने के बारे में जानकारी मांगी गई है। प्रति शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशक 150-150 रुपये की धनराशि हर विद्यालय को भेजी गई थी।कुल 11.26 करोड़ रुपये विद्यालयों को बीते मार्च महीने में ही भेजे गए थे और 20 मार्च तक इन्हें विद्यालयों में प्रदर्शित किया जाना था। शिक्षक की फोटो सहित उसका नाम, शैक्षिक योग्यता, उपलब्धि, विद्यालय में तैनाती की तारीख, आवंटित विषय, मोबाइल नंबर व आवंटित विषय इत्यादि की जानकारी दी जानी है।
फोटो फ्रेम क्यों लगवाया जा रहा?
हमारे शिक्षक फोटो फ्रेम लगे होने से विद्यालय के स्टाफ की आसानी से पहचान की जा सकती है। खासकर निरीक्षण के समय कौन उपस्थित है और कौन अनुपस्थित है। सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों से इसके बारे में ब्योरा मांगा गया है। धन भेजे जाने के सात महीने बीतने के बावजूद शिक्षक फोटो फ्रेम लगाने वाले विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।प्राथमिक स्कूलों के बच्चे आनलाइन देख सकेंगे रिपोर्ट कार्ड
जलालपुर : बोर्ड परीक्षा की तरह अब प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों का रिपोर्ट कार्ड भी आनलाइन देखा जा सकेगा। प्राथमिक विद्यालयों में यह व्यवस्था पहली बार लागू की जा रही है। कक्षा एक से आठ तक के बच्चों का रिपोर्ट कार्ड प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। महानिदेशक ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को आनलाइन परीक्षा परिणाम जारी करने के निर्देश जारी किए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रेरणा पोर्टल वर्ष 2019 में शुरू किया था, इसका मकसद बुनियादी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को कौशल प्रदान करना है। पोर्टल पर प्राथमिक विद्यालय के बच्चों का पूरा ब्योरा अपलोड है। हर स्कूल में इस पोर्टल का उपयोग किया जा रहा है।अब इसी पोर्टल पर बच्चों के रिपोर्ट कार्ड आनलाइन बनाए जाएंगे। पोर्टल पर विकल्प आ गया है, इसमें बच्चों का नाम, कक्षा, लिंग, जन्मतिथि, पिता का नाम, एसआर नंबर दर्ज करना होगा। यह ब्योरा शिक्षक ही अपलोड करेंगे। परीक्षा परिणाम में दो टर्म परीक्षाओं के अलावा अर्द्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षा के नंबरों को जोड़ा जाएगा। इसके बाद रिपोर्ट कार्ड अपलोड किया जाएगा।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।प्राथमिक विद्यालयों में रिजल्ट के आनलाइन की कार्रवाई शुरू हो गई है। रिपोर्ट कार्ड में खराब प्रदर्शन करने वाले स्कूलों की पहचान कर परिणाम में सुधार के उपाय किए जाएंगे। बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी प्रत्येक स्कूल के एक शिक्षक को प्रशिक्षित किया जाएगा। विद्यालय में व्यवस्था करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। -मीनाक्षी सिंह, खंड शिक्षा अधिकारी